RSS ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया, ब्रिटिश हुकुमत का साथ दे रहे था: दिग्विजय सिंह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 14, 2019 06:51 AM2019-08-14T06:51:17+5:302019-08-14T06:51:17+5:30
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘कश्मीर सहित जूनागढ़ और हैदराबाद को क्या भाजपा और आरएसएस ने देश में विलय किया?’’ दिग्विजय ने कहा, ‘‘क्या कश्मीर को भारत का अंग बनाने में आरएसएस या बीजपी का हाथ रहा?
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 1947 से पहले ब्रिटिश हुकुमत का साथ दे रहा था और उसने भारत छोड़ो आंदोलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का विरोध किया था। दिग्विजय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय ताकत को बल दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर सहित जूनागढ़ और हैदराबाद को क्या भाजपा और आरएसएस ने देश में विलय किया?’’ दिग्विजय ने कहा, ‘‘क्या कश्मीर को भारत का अंग बनाने में आरएसएस या बीजपी का हाथ रहा?’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये (आरएसएस एवं भाजपा नेता) तो सन 1947 के पहले ब्रिटिश हुकुमत का साथ दे रहे थे और इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में (महात्मा) गांधी जी का विरोध किया।’’
कश्मीर मुद्दे पर दिग्विजय
जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाये जाने पर केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीति थी कि जम्हूरियत, कश्मीरियत एवं इंसानियत के रास्ते से ही कश्मीर का हल ढ़ूंढा जा सकता है, लेकिन इन तीनों चीजों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ठुकरा दिया।
अनुच्छेद 370 पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में दिग्विजय ने ‘प्रेस से मिलिये’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘इसको हिंदू-मुस्लिम के नजरिये से नहीं देखना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयीजी ने कहा था कि जम्हूरियत, कश्मीरियत एवं इंसानियत के रास्ते से ही कश्मीर का हल ढ़ूंढा जा सकता है।
दिग्विजय ने कहा, ‘‘लेकिन जम्हूरियत, कश्मीरियत एवं इंसानियत इन तीनों चीजों को मोदी जी ने ठुकरा दिया।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘(जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना) न जम्हूरियत के हिसाब से तय हुआ, न कश्मीरियत के हिसाब से इसका फैसला हुआ, न इंसानियत के तरफ से फैसला हुआ। इसलिए पूरे तरीके से अटलजी की जो कश्मीर पर पॉलिसी थी उसका नरेन्द्र मोदीजी ने ठुकरा दिया।’’ उन्होंने कहा कि धारा 370 हटाने के बाद सरकार कहती है कि कहीं अशांति नहीं है, लेकिन खबरें अलग-अलग तरह की आ रही हैं।
(एजेंसी इनपुट)