भ्रष्टाचार मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ FIR नहीं होगी रद्द, हाईकोर्ट ने खारिज की अपील
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 22, 2021 03:18 PM2021-07-22T15:18:54+5:302021-07-22T16:06:17+5:30
बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किए गए मामले के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मुंबईःमहाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बड़ा झटका लगा है। धनशोधन मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर रद्द नहीं होगी।
बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किए गए मामले के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अदालत ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की जांच करने के लिए कहा था। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है।
बंबई उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को बृहस्पतिवार को रद्द करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ ने कहा कि प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली देशमुख की याचिका ‘खारिज किए जाने लायक’ है।
#JustIn | Bombay High Court dismisses a plea of former Maharashtra Home Minister #AnilDeshmukh seeking quashing of FIR against him registered by CBI in a corruption case (ANI)
— NDTV (@ndtv) July 22, 2021
उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 24 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उच्च न्यायालय ने देशमुख के उस अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपील दायर करने के लिए समय दिए जाने की खातिर फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया था।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वकील जयश्री पाटिल की शिकायत पर जांच शुरू की गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई के जरिए देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने कहा था कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जांच अवैध है, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उन पर मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से पूर्व मंजूरी नहीं ली थी।