पूर्व कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने इंडिया का नाम बदलकर ‘भारत’ करने के विचार को बताया ‘‘मूर्खतापूर्ण’

By भाषा | Published: June 4, 2020 02:50 PM2020-06-04T14:50:37+5:302020-06-04T14:50:37+5:30

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि संविधान में इंडिया को पहले ही ‘भारत’ बुलाया जाता है।

Former law minister calls for the idea of ​​changing the name of India to 'India' as "silly" | पूर्व कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने इंडिया का नाम बदलकर ‘भारत’ करने के विचार को बताया ‘‘मूर्खतापूर्ण’

एम वीरप्पा मोइली (File Photo)

Highlightsयाचिका कर्ता का कहना था कि औपनिवेशिक अतीत से पूरी तरह नागरिकों की मुक्ति सुनिश्चित करने के लिये यह संशोधन जरूरी है।एम वीरप्पा मोइली ने कहा, ‘‘अब महज कुछ भावनाओं के लिए नाम बदलना मुझे सही नहीं लगता।’’

बेंगलुरु: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने इंडिया का नाम बदलकर ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ करने के विचार को बृहस्पतिवार को ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ बताया और कहा कि इसका कोई खास महत्व नहीं है। कर्नाटक भाजपा ने भी कहा है कि ऐसा प्रस्ताव ‘‘न तो पार्टी की तमन्ना और न ही उसकी इच्छा’’ है। भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एन संतोष हेगड़े ने भी नाम बदलने के सुझाव की आलोचना करते हुए आगाह किया कि इस कदम से देश में ‘‘अन्य समूहों के भीतर’’ अवांछित गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं।

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र से कहा कि संविधान में संशोधन करके देश का नाम इंडिया से बदलकर ‘भारत’ या ‘हिन्दुस्तान’ करने के लिये दायर याचिका को प्रतिवेदन के रूप में ले। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि संविधान में इंडिया को पहले ही ‘भारत’ बुलाया जाता है। यह याचिका दिल्ली में रहने वाले एक व्यक्ति ने दायर की थी और उसका दावा था कि औपनिवेशिक अतीत से पूरी तरह नागरिकों की मुक्ति सुनिश्चित करने के लिये यह संशोधन जरूरी है।

याचिका में दावा किया गया था कि इंडिया के स्थान पर इसका नाम ‘भारत’ या ‘हिन्दुस्तान’ होने से यह देशवासियों के मन में अपनी राष्ट्रीयता के प्रति गौरव का संचार करेगा। पीठ की अनिच्छा को देखते हुये वकील ने इस संबंध में संबंधित प्राधिकारी को प्रतिवेदन देने की अनुमति मांगी। इस पर पीठ ने कहा कि याचिका को संबंधित प्राधिकारी को प्रतिवदेन के रूप में लेना चाहिए। इस पर एक सवाल के जवाब में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री मोइली ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मूर्खतापूर्ण। इसकी क्या जरूरत है? हम पहले ही कई वर्षों से अपने लोकतंत्र में जी रहे हैं। लोगों के मन में निश्चित तौर पर मौजूदा नाम के लिए भावनाएं हैं।

नाम बदलने के विचार से केवल अशांति पैदा होगी। कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त हेगड़े ने कहा कि वह नाम बदलने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब महज कुछ भावनाओं के लिए नाम बदलना मुझे सही नहीं लगता।’’ कर्नाटक भाजपा के प्रवक्ता जी मधुसुदन ने कहा कि इंडिया का नाम बदलना इस देश के ‘‘कई नागरिकों की पुरानी मांग’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुस्तान शब्द भी काफी पुराना है बल्कि हिंदुस्तान शब्द की जड़ें ‘विष्णुपुराण’ में मिली, इस देश को कई हजारों वर्षों से हिंदुस्तान कहा जाता है। ब्रिटिश लोग इसका उच्चारण नहीं कर पाते थे इसलिए यह इंडिया बना।’’ भाजपा ने नेता ने कहा, ‘‘इसका नाम बदलना न तो भाजपा की तमन्ना है और न ही उसकी इच्छा है।

एक तरफ जब हम कोविड-19, बेरोजगारी, विश्व संकट, जीडीपी और अर्थव्यवस्था से लड़ रहे तो भाजपा इन चीजों को लेकर गंभीर नहीं है। यह भाजपा की प्राथमिकता नहीं है। भाजपा ने किसी भी मंच पर इस मुद्दे को उठाने का संकल्प नहीं लिया है।’’  

Web Title: Former law minister calls for the idea of ​​changing the name of India to 'India' as "silly"

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