सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार, गिरफ्तारी से बचने के लिए मांगी सात दिन की मोहलत

By भाषा | Published: May 20, 2019 01:00 PM2019-05-20T13:00:37+5:302019-05-20T13:00:37+5:30

सारदा चिटफंड मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने सुप्रीम कोर्ट से मोहलत मांगी है।

Former Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar approaches Supreme Court seeking extension of seven days protection given to him by the court | सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार, गिरफ्तारी से बचने के लिए मांगी सात दिन की मोहलत

राजीव कुमार (फाइल फोटो)

Highlightsकुमार ने कोर्ट से कहा कि उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए सात दिनों की और मोहलत दी जाए क्योंकि पश्चिम बंगाल में वकीलों की हड़ताल चल रही है।सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटा दी थी।

सारदा चिटफंड मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक को सात दिन बढ़ाने की अपील की है। कुमार ने कोर्ट से कहा कि उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए सात दिनों की और मोहलत दी जाए क्योंकि पश्चिम बंगाल में वकीलों की हड़ताल चल रही है।

मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस राजीव खन्ना की बंच ने सेक्रेटरी जनरल के पास जाने को कहा है ताकि इस मामले पर तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित की जा सके।  जांच एजेन्सी का आरोप है कि राजीव कुमार ने ‘‘पहुंच वालों को बचाने के लिये’’इस मामले में साक्ष्य नष्ट करने तथा उनके साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटा दी थी। राजीव कुमार के वकील ने कहा कि न्यायालय ने 17 मई को कुमार को सात दिन का समय दिया था ताकि वह गिरफ्तारी से कानूनी तौर पर राहत के लिए सक्षम अदालत जा सकें। लेकिन राजीव कुमार चाहते हैं कि सात दिन की यह अवधि बढ़ाई जाए क्योंकि कोलकाता की अदालतों में इन दिनों वकील हड़ताल पर हैं। कुमार के वकील ने कहा कि चार दिन पहले ही बीत चुके हैं और उन्हें कोलकाता में अदालत में जाने के लिए समय चाहिए।

बहरहाल, पीठ ने कहा कि चूंकि 17 मई को तीन न्यायाधीशों की पीठ ने आदेश पारित किया था, इसलिए उचित पीठ के समक्ष इसे सूचीबद्ध करने के लिए वह रजिस्ट्री से संपर्क कर सकते हैं। पीठ ने कुमार के वकील से कहा ‘‘आप एक वकील हैं और आप जानते हैं कि रोस्टर का अधिकार प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के पास है।’’ 

साथ ही पीठ ने वकील से कहा कि वह मामले को सूचीबद्ध करने के लिए रजिस्ट्री से संपर्क करें। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 17 मई को राजीव कुमार को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने वाला पांच फरवरी का आदेश वापस ले लिया था। पीठ ने हालांकि कहा था कि कुमार के लिए यह संरक्षण 17 मई से सात दिन जारी रहेगा ताकि वह राहत के लिए सक्षम अदालत में जा सकें।

Web Title: Former Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar approaches Supreme Court seeking extension of seven days protection given to him by the court

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