चीफ जस्टिस को फंसाने की साजिश के आरोपों की जांच करेंगे रिटायर जस्टिस एके पटनायक, सुप्रीम कोर्ट ने समिति गठित की
By भाषा | Published: April 25, 2019 03:27 PM2019-04-25T15:27:26+5:302019-04-25T15:27:26+5:30
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की विशेष पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति पटनायक की जांच समिति के नतीजे प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ शिकायत की जांच करने वाले आंतरिक समिति को प्रभावित नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को फंसाने की बड़ी साजिश और शीर्ष अदालत में मुकदमों की सुनवाई के लिये बेंच फिक्सिंग के आरोपों की जांच के लिये गुरुवार को रिटायर जस्टिस एके पटनायक की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की। शीर्ष अदालत ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो और गुप्तचर ब्यूरो के निदेशकों और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे जांच के दौरान आवश्यकता पड़ने पर न्यायमूर्ति पटनायक के साथ हर तरह से सहयोग करें।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि न्यायमूर्ति पटनायक की जांच प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों संबंधी शिकायत के विषय पर गौर नहीं करेगी। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की विशेष पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति पटनायक की जांच समिति के नतीजे प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ शिकायत की जांच करने वाले आंतरिक समिति को प्रभावित नहीं करेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच पूरी होने पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पटनायक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे। इसके बाद सारे मामले में फिर आगे सुनवाई होगी।
इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिये उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति से न्यायमूर्ति एन वी रमण ने खुद को अलग कर लिया। शीर्ष अदालत के सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली उच्चतम न्यायालय की पूर्व महिला कर्मचारी ने इस जांच समिति में न्यायमूर्ति एन वी रमण को शामिल करने पर आपत्ति की थी। इसके बाद न्यायमूर्ति रमण ने समिति से खुद को अलग कर लिया।