क्या पूर्व CBI चीफ आलोक वर्मा ने दिया था नीरव मोदी और विजय माल्या का साथ?
By स्वाति सिंह | Published: January 12, 2019 09:47 AM2019-01-12T09:47:42+5:302019-01-12T11:08:24+5:30
सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा पर लगे आरोपों में पीएनबी घोटाला मामले के आरोपी नीरव मोदी, विजय माल्या इसके साथ ही एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी शिवशंकरन के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर के आंतरिक ईमेल को लीक करना है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा की मुश्किलें अभी भी कम होती नजर नहीं आ रही हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के फैसले के बाद अब केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
इन आरोपों में पीएनबी घोटाला मामले के आरोपी नीरव मोदी, विजय माल्या इसके साथ ही एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी शिवशंकरन के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर के आंतरिक ईमेल को लीक करना है।
साथ ही सीवीसी ने आलोक वर्मा पर लगे नए आरोपों की जानकारी भी सरकार को दे दी है। बता दें कि आलोक वर्मा पर उनके ही पूर्व नंबर दो विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा लगाए गए 10 आरोपों की जांच के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्मा से पूछताछ की जानी चाहिए।
आलोक वर्मा पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने नीरव मोदी केस में सीबीआई के कुछ आंतरिक ईमेलों के लीक होने की बात को छिपाने की कोशिश की।
बता दें कि एजेंसी ने जून 2018 में नीरव मोदी मामले की जांच कर रहे तत्कालीन संयुक्त निदेशक राजीव सिंह के कमरे को बंद कर दिया था इसके साथ ही डेटा मिलने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) को भी बुलाया था। हालांकि इसके पीछे की वजह अभी तक नहीं बताई गई है।
वहीं अगर दूसरे आरोपों की बात करें तो आलोक वर्मा पर एयरसेल के पूर्व मालिक सी शिवशंकरन के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को कमजोर करने का आरोप लगाया गया है।जिसके बाद 600 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक ऋण धोखाधड़ी में प्रमुख आरोपी को भारत छोड़ने का मौका मिल गया।
इसके अलावा उनपर पूर्व शराब व्यापारी विजय माल्या के लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को कमजोर करने का भी आरोप है। बता दें कि विजय माल्या पर 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक धोखाधड़ी के आरोप है।
बताया जा रहा है कि एलओसी जारी होने के एक महीने के अंदर ही वर्मा के करीबी माने जाने वाले सीबीआई के संयुक्त निदेशक एके शर्मा ने आव्रजन अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर 'रिमांड' की जगह सिर्फ 'सूचित' करने की मांग की। जिससे माल्या को देश से भागने में मदद मिली।
गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार (10 जनवरी) को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया था, जिसके बाद उन्होंने शुक्रवार को आलोक वर्मा ने फायर डिपार्टमेंट के डीजी का पद संभालने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।