पूर्व बीएसपी एमएलसी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ कार्रवाई, 1097 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 9, 2021 09:26 PM2021-03-09T21:26:56+5:302021-03-09T21:27:47+5:30
ईडी अधिकारी ने कहा कि धन शोधन मामले में सात चीनी मिलें कुर्क की गई है। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, बरेली, देवरिया, हरदोई और बाराबंकी जिलों में स्थित हैं और इनकी कुल कीमत 10,97,18,10,250 रुपये है।
नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश के पूर्व बसपा एमएलसी मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के खिलाफ धन शोधन मामले में 1,097 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली सात चीनी मिलें कुर्क की गईं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी कुर्की का आदेश जारी किया। अधिकारियों ने कहा कि इन मिलों के मालिक इकबाल हैं और ये मिलें उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, बरेली, देवरिया, हरदोई और बाराबंकी जिलों में स्थित हैं और इनकी कुल कीमत 10,97,18,10,250 रुपये है।
एजेंसी ने कहा, "ये मिलें मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों को वर्ष 2010-11 में विनिवेश/बिक्री प्रक्रिया के माध्यम से केवल 60.28 करोड़ रुपये की कीमत पर बेची गई थीं।" ईडी ने आरोप लगाया कि इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों के नियंत्रण वाली नम्रता मार्केटिंग पी लिमिटेड और गिरीयाशो कंपनी पी लिमिटेड जैसी शेल कंपनियों के नाम पर ये मिलें खरीदी गईं। ईडी के संयुक्त निदेशक (लखनऊ) राजेश्वर सिंह ने कहा कि मामले की जांच जारी है और कुछ अन्य लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है।
पंजाब के विधायक सुखपाल खैरा के खिलाफ ईडी का छापा, कई विधायकों ने कार्रवाई की आलोचना की
पंजाब के कुछ विधायकों ने मंगलवार को ईडी द्वारा विधायक सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ की गई छापेमारी का मुद्दा उठाया और इस कदम को "राजनीतिक धमकी" बताया। अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2015 के फाजिल्का मादक पदार्थों की तस्करी मामले और एक फर्जी पासपोर्ट रैकेट से जुड़े एक धन शोधन मामले में मंगलवार को पंजाब के बागी आप विधायक सुखपाल सिंह खैरा, दिल्ली में उनके परिवार के सदस्यों और जेलों में बंद कुछ लोगों के परिसरों में छापा मारा।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि कपूरथला जिले के भोलाथ से विधायक खैरा (56) ड्रग्स रैकेट के दोषियों और फर्जी पासपोर्ट का रैकेट चलाने वालों के सहयोगी हैं। खैरा 2017 में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और अपना खुद का राजनीतिक संगठन शुरू किया।