पासपोर्ट के लिए फेक वेबसाइटों पर सख्त हुए विदेश मंत्रालय, जारी किए निर्देश
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 23, 2019 08:27 AM2019-07-23T08:27:58+5:302019-07-23T08:27:58+5:30
पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्रालय की एकमात्र वेबसाइट, 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पासपोर्टइंडिया डॉट जीओवी डॉट इन' है. इसके अलावा एक मोबाइल एप्प 'एमपासपोर्ट सेवा' है. इसे डाउनलोड करते हुए सेवा का लाभ लिया जा सकता है.
पासपोर्ट बनाने के नाम पर फेक वेबसाइट बनाकर आवेदकों से मनमानी वसूली पर अब विदेश मंत्रालय ने सख्त रवैया अपनाया है. इस संबंध में मंत्रालय ने गूगल को भी पत्र लिखा है. पासपोर्ट इंडिया की वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट तैयार कर इस गोरखधंधे में लोगों से तीन गुनी वसूली की जा रही है.
सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में आईटी विभाग को भी पत्र लिखा है. बताया जा रहा है कि फेक वेबसाइटों पर आधिकारिक वेबसाइट से जो मिलती-जुलती पंक्तियां, स्टाइल व लोगो का इस्तेमाल किया गया है, उस पर कार्रवाई हो सकती है.
उल्लेखनीय है कि पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्रालय की एकमात्र वेबसाइट, 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पासपोर्टइंडिया डॉट जीओवी डॉट इन' है. इसके अलावा एक मोबाइल एप्प 'एमपासपोर्ट सेवा' है. इसे डाउनलोड करते हुए सेवा का लाभ लिया जा सकता है. पासपोर्ट बनवाने के लिए आधिकारिक रूप से 1500 रु. शुल्क लगता है.
वहीं तत्काल पासपोर्ट के लिए 3500 रु. लगते हैं. लेकिन फेक वेबसाइटों के जरिए काम करने वाले इसी सेवा के ऐवज में 5 से 8 हजार रु. तक ऐंठ लेते हैं. साइबर क्राइम की जद में आने से ऐसे बचते हैं पासपोर्ट के आवेदन के लिए फर्जी वेबसाइट संचालित करने वाले अपनी वेबसाइट पर एक डिस्क्लेमर में कंसल्टेंसी लिख देते हैं.
अपने पोर्टल में वे आवेदकों से हूबहू पासपोर्ट इंडिया वेबसाइट पर दी जाने वाली जानकारी के क्रम में ही डाटा हासिल करते हैं. डिस्क्लेमर में कंसल्टेंसी का उल्लेख कर देने की वजह से ये साइबर क्राइम की जद में आने से बच जाते हैं. हालांकि मिलते-जुलते पहलुओं को शामिल करने को लेकर उनके खिलाफ मामला बन सकता है.