विदेश मंत्री जयशंकर ने चीनी समकक्ष से की मुलाकात, सीमा पर चल रहे तनाव का मुद्दा भी उठाया
By शिवेंद्र राय | Published: March 2, 2023 08:05 PM2023-03-02T20:05:05+5:302023-03-02T20:06:15+5:30
मई 2020 में दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख सैन्य गतिरोध के बाद से चीन और भारत के बीच संबंध खराब हो गए हैं। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच रिश्ते इस समय अपने सबसे बुरे दौर में हैं। सीमा पर दोनो देशों के बीच तनाव जारी है और पूरी एलएसी पर सेना का भारी हथियारों के साथ जमावड़ा जारी है। इस बीच चीनी विदेश मंत्री किन गैंग भारत द्वारा आयोजित जी-20 बैठक में भाग लेने के लिए गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचे।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री किन गैंग से मुलाकात की और इस दौरान सीमा पर चल रहे तनाव का मुद्दा भी उठाया। चीनी विदेश मंत्री की एस जयशंकर से यह पहली मुलाकात थी। मुलाकात के बाद जानकारी देते हुए एस जयशंकर ने ट्वीट किया, "जी-20 की विदेश मंत्रियों से इतर चीनी समकक्ष किन गैंग के साथ मुलाकात हुई। हमारे बीच द्विपक्षीय साझेदारी में आने वाली चुनौतियों और भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए चर्चा हुई। हमने जी-20 एजेंडा के बारे में भी बात की।"
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar & Chinese Foreign Minister Qin Gang hold a bilateral meeting on the sidelines of G20 Foreign Ministers' meeting in Delhi pic.twitter.com/ZKymDEkXQN
— ANI (@ANI) March 2, 2023
बता दें कि भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की इस मुलाकात को पूर्वी लद्दाख गतिरोध सुलझाने की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले इस गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच 17वें दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता हो चुकी है। पिछले साल सात जुलाई को एक घंटे की बैठक में जयशंकर ने तत्कालीन चीनी विदेश मंत्री वांग को पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मुद्दों के जल्द समाधान की जरूरत से अवगत कराया था। हालांकि किन गैंग से जयशंकर की ये पहली मुलाकात थी क्योंकि वह दिसंबर, 2022 में चीन के विदेश मंत्री बने हैं।
मई 2020 में दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख सैन्य गतिरोध के बाद से चीन और भारत के बीच संबंध खराब हो गए हैं। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
बता दें कि चीनी विदेश मंत्री की एस जयशंकर से मुलाकात के पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि चीन और भारत प्राचीन सभ्यताएं हैं और दोनों में एक अरब से अधिक लोग रहते हैं। हम पड़ोसी हैं और दोनों उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं। एक मजबूत चीन-भारत संबंध दोनों देशों और लोगों के मौलिक हितों को पूरा करता है।