विदेशी आर्थिक सलाहकारों ने छोड़ा मोदी सरकार का साथ, अब PMO ने संभाली जिम्मेदारी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 13, 2018 03:47 AM2018-07-13T03:47:34+5:302018-07-13T03:47:34+5:30
नरेंद्र मोदी ने देश की सत्ता संभालते ही विदेशों में प्रशिक्षित अर्थशास्त्रियों को आर्थिक नीतियों की रूपरेखा तय करने की जिम्मेदारी दी थी।
नई दिल्ली, 13 जुलाई: नरेंद्र मोदी ने देश की सत्ता संभालते ही विदेशों में प्रशिक्षित अर्थशास्त्रियों को आर्थिक नीतियों की रूपरेखा तय करने की जिम्मेदारी दी थी। जिसनें आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, अरविंद पानगड़िया और अरविंद सुब्रमण्यम प्रमुख तौर पर शामिल हैं। लेकिन अब तीनों ने ही अपना पद छोड़ दिया है। राजन अब शिकागो यूनिवर्सिटी में पढ़ाने चले गए।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले पानगड़िया को पीएम मोदी ने नीति आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन छुट्टियां खत्म होने के बाद वह भी पिछले साल अमेरिका लौट गए। जून महीने में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने भी पद छोड़ने की घोषणा कर दी थी। ऐसे में अब खबरों की मानें तो अब नीति तय करने की जिम्मा खुद पीएमओ ने ले लिया है।
लेकिन इनमें एक नया गुट शामिल किया गया है जो दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी सोच रखता है। खबर के अनुसार आरएसएस से जुड़ी संस्था को उम्मीद है कि विदेशी अर्थशास्त्रियों के जाने के बाद मोदी सरकार घरेलू विशेषज्ञों की बात सुनेगी।
वहीं, स्वदेशी जागरण मंच के प्रमुख अश्वनी महाजन का कहना है कि अब जब अरविंद सुब्रमण्यम चले गए हैं तो हमको उम्मीद है कि मोदी सरकार अब घरेलू विशेषज्ञों की बात सुनेगी। साथ ही इन तीनों अर्थशास्त्रियों के जाने से देश पर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। पीएमओ अब खुद देश के लिए काम करेगा जो देशहित में है।साथ ही भारत की समस्याओं को देश की मिट्टी से जुड़े सलाहकार ही बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
वहीं, खबर के अनुसार, अरुण जेटली के बीमार पड़ने के बाद से अरविंद सुब्रमण्यम को नजरअंदाज किया जाने लगा था। जिस कारण से उन्होंने जिम्मेदारी छोड़ने का फैसला था।