बिहार की राह पर उत्तराखंड सरकार, सोशल मीडिया पर विरोध या प्रदर्शनों में हिस्सा लेने पर नहीं बनेगा पासपोर्ट

By अनुराग आनंद | Published: February 5, 2021 03:38 PM2021-02-05T15:38:33+5:302021-02-05T15:46:02+5:30

बिहार और उत्तराखंड सरकार ने विरोध को दबाने का नायाब तरीका अपनाया है। दोनों राज्यों की सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर देश विरोधी या सरकार विरोधी लिखने वालों पर भी ध्यान रखा जाएगा।

For protesters, getting jobs, passports may get tougher in bihar and uttrakhand | बिहार की राह पर उत्तराखंड सरकार, सोशल मीडिया पर विरोध या प्रदर्शनों में हिस्सा लेने पर नहीं बनेगा पासपोर्ट

विरोध प्रदर्शन करने वाले नौजवानों पर सरकार लेगी एक्शन (फाइल फोटो)

Highlightsराज्यों के पुलिस प्रमुखों ने अपनी तरफ से बयान जारी कर कहा कि सरकार के इस फैसले में कुछ नया नहीं है।साथ ही पुलिस ने यह भी कहा है कि सोशल मीडिया पर लोगों के डेटा पर निगरानी के लिए एक डेटाबेश तैयार किया जाएगा।

नई दिल्ली: बिहार की राह पर अब उत्तराखंड भी चल पड़ा है। उत्तराखंड सरकार ने ऐलान किया है कि वैसे नौजवान जो सोशल मीडिया पर देश विरोधी समझे जाने जैसा कुछ लिखते हैं तो उन्हें पासपोर्ट बनावाने और हथियार लाइसेंस प्राप्त करने से रोका जा सकता है। 

बता दें कि इससे पहले बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है कि किसी भी तरह से सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वाले व रोड जाम करने वाले नौजवानों को सरकारी नौकरी, बैंक लोन, सरकारी ठेका आदि देने में समस्या होती है। 

टीओआई के मुताबिक, दोनों ही राज्यों की सरकारों के द्वारा जारी आदेशों के तुरंत बाद संबंधित राज्यों के पुलिस प्रमुखों ने अपनी तरफ से बयान जारी कर कहा कि सरकार के इस फैसले में कुछ नया नहीं है। साथ ही दोनों राज्यों में डीजीपी ने कहा कि उनके द्वारा लागू किए जाने वाले नियमों की बुनियादी संरचना में "कुछ भी नया नहीं" था।

पुलिस सोशल मीडिया पर हो रहे गतिविधियों का एक डेटाबेस बनाएगी

मंगलवार को देहरादून में पुलिस अधिकारियों के एक सम्मेलन के समापन समारोह में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर हो रहे गतिविधियों का एक डेटाबेस बनाएगी जो राष्ट्र-विरोधी या असामाजिक है। 

इसके साथ ही डीजीपी ने कहा कि जब कोई व्यक्ति पासपोर्ट या हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो पुलिस इन डेटाबेसों के आधार पर ही सत्यापन करेंगे। यह निर्णय पुलिस के दो दिवसीय सम्मेलन में लिया गया था।

इसका असर सिर्फ उन लोगों पर पड़ेगा जो कानून व्यवस्था के लिए खतरा हो सकते हैं: पुलिस 

उत्तराखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीओआई को बताया कि इस फैसले का प्रभाव केवल उन लोगों पर पड़ेगा, जो राष्ट्रविरोधी सामग्री पोस्ट करते हैं, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा का मजाक बनाते हैं। ऐसे लोग जो कानून और व्यवस्था के लिए खतरा हो सकते हैं, उन्हीं लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

बिहार सरकार ने उत्तराखंड सरकार से एक दिन पहले ये फैसला लिया था-

उत्तराखंड सरकार के इस फैसले से एक दिन पहले ही बिहार सरकार ने विरोध को बदाने के लिए मजबूत पैसला लिया था। बिहार डीजीपी एसके सिंघल के आदेश अनुसार, सोमवार को जारी निर्देश में नौ सेवाओं को सूचीबद्ध किया गया है, जिनके लिए पुलिस सत्यापन की आवश्यकता है: सरकारी नौकरी, सरकारी परियोजनाओं के लिए अनुबंध, हथियार लाइसेंस, पासपोर्ट, चरित्र प्रमाण पत्र, पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियों के लाइसेंस, बैंक ऋण, संविदात्मक कार्य सरकारी सहायता प्राप्त संगठनों और किसी अन्य कार्य के लिए जिसके लिए पुलिस एक सत्यापन आवश्यक है। 

सत्यापन के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि नौजवानों ने किसी सरकार विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा तो नहीं लिया था, यदि लिया था तो उसे सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी।  

Web Title: For protesters, getting jobs, passports may get tougher in bihar and uttrakhand

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे