'आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना' लॉन्च, नई भर्ती पर केंद्र सरकार दो साल तक PF अंशदान करेगी, जानिए बड़ी बातें
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 12, 2020 02:24 PM2020-11-12T14:24:55+5:302020-11-12T15:36:29+5:30
वित्त मंत्री ने कहा कि जिस संस्था में 1,000 या उससे कम कर्मचारी हैं उसमें कर्मचारी के हिस्से का 12% और काम देने वाले के भी भत्ते का 12% का केंद्र सरकार योगदान देगी। जहां 1,000 से ज़्यादा कर्मचारी हैं वहां केवल कर्मचारियों का केंद्र सरकार 12% योगदान देगी। ये अगले दो वर्ष तक लागू रहेगा।
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना' को लॉन्च किया जा रहा है, ताकि नए रोज़गार के सृजन को प्रोत्साहन दिया जा सके। ये योजना 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगी। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाया जाता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जिस संस्था में 1,000 या उससे कम कर्मचारी हैं उसमें कर्मचारी के हिस्से का 12% और काम देने वाले के भी भत्ते का 12% का केंद्र सरकार योगदान देगी। जहां 1,000 से ज़्यादा कर्मचारी हैं वहां केवल कर्मचारियों का केंद्र सरकार 12% योगदान देगी। ये अगले दो वर्ष तक लागू रहेगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए नई आत्मनिर्भर भारत रोगजार योजना की घोषणा की। केंद्र सरकार नया रोगजार देने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी देगी, इसके तहत नई भर्ती के लिए दो साल तक सरकार की ओर से भविषय निधि कोष में योगदान दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने दो करोड़ रुपये तक की आवासीय इकाइयों की पहली बार की बिक्री के लिए सर्कल रेट और समझौता मूल्य के बीच के अंतर को दोगुना तक रखे जाने की घोषणा की। सीतारमण ने किसानों के लिए 65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी की घोषणा की।
सीतारमण ने गुरुवार को नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा की, जिसके तहत नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सब्सिडी के तहत दो साल के लिए सेवानिवृत्ति निधि में कर्मचारियों के साथ ही नियोक्ताओं के योगदान को भी शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत), इस तरह कुल वेतन का 24 प्रतिशत हिस्सा अगले दो वर्षों के लिए नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत प्रतिष्ठानों को नए कर्मचारियों की भर्ती पर यह सब्सिडी मिलेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को गिना जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नई कर्मचारियों को भर्ती करना होगा, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई भर्ती करनी होगी।
Aatmanirbhar Bharat Rozgar Yojana being launched to incentivise creation of new employment opportunities during #COVID19 recovery. Every EPFO registered orgs - if they take in new employees or those who had lost jobs b/1 March 1 & Sept 30 - these employees will get benefits: FM pic.twitter.com/OB8xlTNkZf
— ANI (@ANI) November 12, 2020
सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि एक लंबे और कड़े लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कुछ और प्रोत्साहनों की घोषणा करने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि व्यापक आर्थिक संकेतक हालात में सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं। सीतारमण कहा कि देश मे कोविड-19 के सक्रिय मामले एक समय 10 लाख से अधिक थे, जबकि अब ये मामले घटकर 4.89 लाख रह गए हैं और मृत्यु दर घटकर 1.47 प्रतिशत पर आ गयी है।
So, by 2025 they will have to fund projects to the extent of Rs 1,10,000 Crores. We are creating this avenue for them to do it even through Debt Market: Finance Minister Nirmala Sitharaman https://t.co/PKolD7WiTT
— ANI (@ANI) November 12, 2020
अर्थव्यवस्था में सुधार का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि कंपनियों के कारोबार की गति का संकेत देने वाला कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 रहा, जो इससे पिछले महीने में 54.6 था। उन्होंने कहा कि अक्टूबर के दौरान ऊर्जा खपत में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। वित्त मंत्री ने कहा कि दैनिक रेलवे माल ढुलाई में औसतन 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि बैंक ऋण में भी 5.1 प्रतिशत का सुधार हुआ है। इससे पहले सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के इरादे से बुधवार को 10 और क्षेत्रों के लिये दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दे दी थी। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे उत्पादों, औषधि, विशेष प्रकार के इस्पात, वाहन, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पादों, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन बैटरी जैसे उद्योगों में निवेशकों को मिलेगा।