बिहार में बाढ़ ने मचाई तबाही, चारे के अभाव में मवेशियों की बिगड़ती जा रही है स्थिति

By एस पी सिन्हा | Published: July 28, 2020 07:38 PM2020-07-28T19:38:52+5:302020-07-28T19:48:05+5:30

ग्रामीणों का कहना है कि साहब-चारा के नाम पर अब कुछ नहीं बचा है. हम अपने पेट की चिंता करें कि मवेशियों की?

Floods ravaged Bihar, cattle situation deteriorating due to lack of fodder | बिहार में बाढ़ ने मचाई तबाही, चारे के अभाव में मवेशियों की बिगड़ती जा रही है स्थिति

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsबाढ़ग्रस्त गांवों में आवश्यक वस्तुओं का संकट गहरा गया है.पश्चिम चंपारण के मझौलिया में कोहडा नदी के दबाव से तटबंध टूट गया, जिससे तीन सौ घरों में पानी घुस गया है.

पटना: बिहार में बाढ़ का कहर गहराता जा रहा है. कई नए इलाकों में पानी घुस गया है. अगले एक अगस्‍त तक भारी बारिश का भी पूर्वानुमान है. गंडक के साथ बागमती, महानंदा व कोसी भी उफान पर हैं.

जगह-जगह बांधों का टूटना जारी है. इस बीच दरभंगा के कुशेश्वरस्थान थाने में बाढ का पानी घुस गया है. हाल यह है कि पानी में सांप घूम रहे हैं और पुलिस के पास पैट्रोलिंग पर जाने के लिए नाव तक नहीं है.

बाढ़ का पानी घुसने से मानव के साथ-साथ हजरों मवेशी बाढ के पानी से घिर गए हैं. गंडक के कोप से गांवों में कोहराम मचा है.बाढ़ के जारी कहर के बीच बांध व सड़कों पर अफरातफरी का आलम है. गांवों में बाढ़ के पानी में या बांध पर अपने मवेशियों के साथ शरण लिए पशुपालक मवेशियों के चारा नहीं मिलने से परेशान हैं.

मवेशियों की हालत चारे के अभाव में बिगडती जा रही है. बाढ के पानी में फसल व चारा डूब जाने से चारे की किल्लत हो गई है. ऐसे में किसान अपने पशुओं को क्या खिलाये? यह बात उनके समझ में नहीं आ रहा है.

मवेशी भूख से छटपटा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि साहब-चारा के नाम पर सरेह में अब कुछ नहीं बचा है. हम अपने पेट की चिंता करें कि मवेशियों की? बाढ़ प्रभावित गांवों में फंसे दुधारू मवेशियों का हाल यह है कि थन में दूध रहते पशुपालक को फुर्सत नहीं मिल रहा है कि वे दूध को निकाल सकें.

ऐसे में थन में दूध के बेग और आग से मवेशी इस कदर चिल्ला रहे हैं. दूध नहीं दुहने के कारण भैंस की तबीयत बिगड़ गई है. वहीं, बाढ़ग्रस्त गांवों में आवश्यक वस्तुओं का संकट गहरा गया है. इससे बाढ़ पीड़ितों को काफी परेशानी हो रही है. बाढग्रस्त गांवों में भोजन, जलावन, दवा व पशुचारा सहित नाव की किल्लत बनी हुई है.

कई गांव तो ऐसे हैं जहां दूर-दूर तक कोई दुकान नहीं है. साथ ही यहां प्रशासनिक स्तर से भी जरूरी वस्तुएं नहीं पहुंच पा रहीं हैं. गांवों का सडक संपर्क कट जाने से बाढ से प्रभावित व विस्थापितों लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने की प्रशासन के समक्ष विकट चुनौती उत्पन्न हो गई है.इसबीच, बिहार में बारिश के बीच बाढ़ का कहर जारी है.

पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर में दो तटबंध सहित सारण तटबंध कई जगह से टूट गए. पश्चिम चंपारण के मझौलिया में कोहडा नदी के दबाव से तटबंध टूट गया, जिससे तीन सौ घरों में पानी घुस गया है.

वहीं मुजफ्फरपुर में कदाने नदी का तटबंध फिर टूट गया. गोपालगंज में मांझा के पुरैना के बाद बैकुंठपुर के सोनवलिया, मडवा तथा मूंजा में सारण तटबंध के जगह-जगह टूटने से गंडक नदी की विनाशकारी बाढ से चार प्रखंडों में स्थिति गंभीर बनी हुई है. वहीं समस्तीपुर-दरभंगा और सुगौली-मझौलिया रेलखंड पर ट्रेन परिचालन ठप रहा.

मुजफ्फरपुर में बूढी गंडक ने बंदरा प्रखंड के बडगांव में रिंग बांध को तोड दिया. मुजफ्फरपुर शहर के नए क्षेत्रों में बूढी गंडक का पानी फैल रहा है. बाढ के कारण सडक मार्ग से राहत सामग्री व मेडिकल टीम के वाहन का पहुंच पाना मुश्किल हो गया है. आवश्यक वस्तुओं की कमी से बाढ पीडेत परेशान हैं और जैसे-तैसे दिन-रात काटने को मजबूर हैं.

सबसे अधिक परेशानी बच्चों, बुजुर्गों व बीमार लोगों को हो रही है. बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा है. बीमार लोगों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. वैसे जिला प्रशासन दूध वितरण व मेडिकल सेवा की बात कर रहा है पर सिर्फ शरण स्थलों व बांधों व छरकियों पर रह रहे विस्थापितों को ही मिल पा रहा है.

जो लोग बाढ के पानी से घिरे हुए हैं, उन्हें यह सुविधा काफी कम मिल पा रही है.सडकों पर पानी लगने व टूटने से मेडिकल टीम बाढ प्रभावित सभी गांवों तक नहीं पहुंच पा रही है. पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में भी नदियों के जलस्तर में उतार-चढाव जारी है.

जबकि नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई तटबंधों पर दबाव बना हुआ है. चौथम में दो जगहों पर बांध में रिसाव हो रहा है. मुंगेर में भी गंगा के जलस्तर में बढोत्तरी हो रही है.

सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढाव जारी है. किशनगंज में महानंदा और मेंची नदी के जलस्तर में बढोत्तरी हुई है. ये नदियां कटाव कर रही हैं. कटिहार में महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

Web Title: Floods ravaged Bihar, cattle situation deteriorating due to lack of fodder

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