बिहार में बाढ़ः 16 जिलों का बुरा हाल, 60 लाख लोग प्रभावित, सीएम नीतीश ने लिया जायजा
By एस पी सिन्हा | Published: August 7, 2020 05:43 PM2020-08-07T17:43:54+5:302020-08-07T17:43:54+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज चंपारण में बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई मार्ग से जायजा लिया. मुख्यमंत्री भितहा चंद्रपुर समेत पीपी तटबंध का निरीक्षण कर बाल्मिकीनगर पहुंचे. इंडो नेपाल सीमा पर स्थित बाल्मिकीनगर गंडक बराज का भी निरीक्षण किया.
पटनाःबिहार में बाढ़ का कहर लंबा खिंचता चला जा रहा है. गंगा समेत नौ नदियां अब भी कहीं ना कहीं लाल निशान से ऊपर बह रही हैं. बिहार के 16 जिलों में बाढ़ से मची तबाही से अब तक करीब 60 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं.
नदियों के तेवर से लगता है कि हाल फिलहाल इससे राहत नहीं मिलने जा रहा है. इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज चंपारण में बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई मार्ग से जायजा लिया. मुख्यमंत्री भितहा चंद्रपुर समेत पीपी तटबंध का निरीक्षण कर बाल्मिकीनगर पहुंचे. इंडो नेपाल सीमा पर स्थित बाल्मिकीनगर गंडक बराज का भी निरीक्षण किया.
कोरोना के मद्देनजर मीडिया को इससे दूर रखा गया था. मुख्यमंत्री दो दिन पहले दरभंगा में बाढ़ राहत कैंप का दौरा कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत कैंप में चलाए जा रहे सामुदायिक रसोई का भी जायजा लिया साथ ही साथ कैंप में रह रहे लोगों को कोरोना वायरस आने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं इसकी भी समीक्षा किया.
नदी के जलस्तर में बक्सर से कहलगांव तक 3 से 12 सेमी की वृद्धि दर्ज की
इसबीच, गंगा का बढ़ना अभी लगातार जारी है. इस नदी के जलस्तर में बक्सर से कहलगांव तक 3 से 12 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई. पटना में यह नदी लाल निशान से मात्र 46 सेमी नीचे है. कहलगांव में लाल निशान को पार कर गई है.
इस बीच गंडक और कोसी का डिस्चार्ज भी नेपाल में हुई वर्षा के कारण कुछ बढ़ गया है. बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और कोसी में उफान जारी है. हालांकि, कई नदियों का जल स्तर स्थिर है, जिससे थोड़ी परेशानी कम हुई है. लेकिन, जहां पानी घुसा है वहां के लोग अब भी मुसीबतों का सामना कर रहे हैं.
राज्य के 16 जिलों के कुल 124 प्रखंडों की 1,185 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि राज्य के 16 जिलों के कुल 124 प्रखंडों की 1,185 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं. 59 लाख 70 हजार लोग बाढ से प्रभावित हो गए हैं. उन्होंने बताया कि 1,402 कम्युनिटी किचेन चलाये जा रहे हैं. गंडक नदी जहां पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर व वैशाली जिलों में तबाही मचा रही है.
वहीं, बूढ़ी गंडक पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर व खगडिया जिलों में अपना रौद्र रूप दिखा रही है. जबकि बागमती व अधवारा समूह की नदियों ने सीतामढी, शिवहर, मुजफ्फरपुर व दरभंगा जिलों में जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है.
वहीं, कमला नदी मधुबनी जिले को प्रभावित कर दी है. जबकि, कोसी का कहर सुपौल, खगड़िया व कटिहार जिलों में त्राहीमाम की स्थिती उत्पन्न कर दी है. वहीं, महानंदा नदी ने पूर्णिया व कटिहार जिलों को अपने चपेट में ले लिया है. इस बीच, मौसम विभाग ने चार जिलों में अलर्ट जारी किया है.
इनमें बक्सर, भोजपुर, अरवल, और नवादा शामिल है. विभाग की ओर से जारी चेतावनी के अनुसार अगले तीन घंटों में इन चार जिलों में वर्षा और वज्रपात की आशंका है. लोगों को नदी में जाने और बादल छाने पर बिना कारण घर से नहीं निकलने की सलाह दी गई है.
मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया तथा आपदा राहत शिविर में रह रहे लोगों से बातचीत कर वहां उपलब्ध कराई जा रही व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।... (1/2)https://t.co/PklQa3j6pcpic.twitter.com/iUXvRMwInN
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 5, 2020