कश्मीरी विस्थापितों के लिए त्रुटिपूर्ण डाक मतपत्र अधिसूचना जारी की गई:भाजपा
By भाषा | Published: November 23, 2020 07:20 PM2020-11-23T19:20:35+5:302020-11-23T19:20:35+5:30
जम्मू, 23 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई ने आगामी जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के वास्ते कश्मीरी विस्थापितों के लिए ‘त्रुटिपूर्ण और भेदभावकारी’ डाक मतपत्र अधिसूचना जारी करने को लेकर प्रदेश चुनाव आयोग की सोमवार को आलोचना की।
भाजपा ने आरोप लगाया कि यह कश्मीर घाटी में डीडीसी चुनाव से इस समुदाय को बाहर रखने के लिए यह नौकरशाही के स्तर पर ‘जान बूझकर किया गया प्रयास’ है।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष और पूर्व विधानपरिषद सदस्य जी एल रैना ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय को कश्मीर में डीडीसी चुनाव से बाहर रखा गया है। उन्हें प्रदेश चुनाव आयोग द्वारा डाक मतपत्र योजना की गलत, त्रुटिपूर्ण और भेदभावकारी अधिसूचना जारी करके जान बूझकर मताधिकार से वंचित रखा जा रहा है।’’
दस नवंबर को अधिकारियों ने कहा था कि प्रदेश चुनाव आयोग ने आगामी डीडीसी चुनाव में डाक मतपत्र योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए एक प्रणाली प्रस्तुत की है ताकि कश्मीरी प्रवासियों की अधिकतम हिस्सेदारी हो।
उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में रह रहे संबंधित कश्मीरी प्रवासियों को अपना पंजीकरण कराने तथा अपने मताधिकार के निर्बाध उपयोग के वास्ते अन्य बातों के लिए सहायक निर्वाचन अधिकारी (प्रवासी) से संपर्क करना होगा ।
लेकिन भाजपा नेताओं ने कहा कि डीडीसी चुनाव के लिए जारी की गयी डाक मतपत्र योजना अधिसूचना वैसी ही है जैसी 1996 चुनाव के दौरान थी।
रैना ने कहा, ‘‘ ऐसा जान पड़ता है कि इस मोर्चे पर हुई सारी नयी चीजों की अनदेखी करके 1996 वाली योजना वर्तमान चुनाव के नोटिस के रूप में चस्पा कर दी गयी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कश्मीरी पंडितों के लिए अपनी पृष्ठभूमि के सत्यापन के लिए एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय जाने की दर्जनों औपचारिकताएं पूरी करने की जटिल प्रक्रिया है।’’
रैना ने कहा कि जिस अधिनियम के तहत डीडीसी चुनाव के लिए डाक मतपत्र योजना जारी की गयी है उसे एक साल पहले निरस्त कर दिया गया था।’’
उन्होंने कहा कि इस समुदाय का नेतृत्व अधिसूचना के खिलाफ अदालत जाने पर विचार कर रहा है।
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