बिहार में पांच करोड़ लोगों ने रिकॉर्ड 18 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनायी, इस दौरान दो लोगों की मौत

By भाषा | Published: January 19, 2020 11:15 PM2020-01-19T23:15:58+5:302020-01-19T23:15:58+5:30

इस कार्यक्रम की आसमान से तस्वीर लेने के लिए कुल सात हेलीकाप्टरों को सेवा में लगाया गया था। यह कार्यकम इतिहास में रिकार्ड के रूप में दर्ज हो गया।

Five crore people made a record 18 thousand km long human chain in Bihar | बिहार में पांच करोड़ लोगों ने रिकॉर्ड 18 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनायी, इस दौरान दो लोगों की मौत

बिहार में पांच करोड़ लोगों ने रिकॉर्ड 18 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनायी, इस दौरान दो लोगों की मौत

Highlightsमानवश्रृंखला पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे शुरू हुई और लोग तकरीबन 30 मिनट तक एकदूसरे का हाथ पकड़कर खड़े रहे। मुख्यमंत्री ने राज्य की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में स्वयं इसका नेतृत्व किया।

बिहार में पांच करोड़ से अधिक लोग रविवार को अपने घरों से बाहर निकले और अखंडित मानवश्रृंखला बनायी जिसके 18 हजार किलोमीटर से अधिक लंबा होने का दावा किया गया। इन लोगों ने राज्य सरकार के पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक सुधार की दिशा में उठाये गए कदमों के समर्थन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर यह मानवश्रृंखला बनायी। राज्य सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि मानवश्रृंखला ने 2017 के पूर्ववर्ती रिकार्ड को तोड़ दिया जब लोग कुमार के शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध के कदम के समर्थन में खड़े हुए थे। इसके साथ ही इस बार की मानवश्रृंखला ने 2018 का रिकार्ड भी तोड़ दिया जब यह कवायद दहेज और बाल विवाह के खिलाफ अभियानों का समर्थन करने के लिए दोहरायी गई थी।

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुल मिलाकर 5.17 करोड़ लोग मानवश्रृंखला में शामिल हुए जो 18034 किलोमीटर लंबी थी। इस बार की मानवश्रृंखला की लंबाई 2018 की 14 हजार किलोमीटर और उससे पहले के वर्ष के 11 हजार किलोमीटर से कहीं अधिक लंबी थी, जब बिहार ने बांग्लादेश को पीछे छोड़ते हुए रिकार्ड बनाया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम की आसमान से तस्वीर लेने के लिए कुल सात हेलीकाप्टरों को सेवा में लगाया गया था। यह कार्यकम इतिहास में रिकार्ड के रूप में दर्ज हो गया। इसके अलावा 100 ड्रोन कैमरों ने भी तस्वीरें ली हैं जिनसे राज्य के लोगों का उत्साह दिखता है। इसके लिए हम लोगों को धन्यवाद देते हैं।’’

मानवश्रृंखला पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे शुरू हुई और लोग तकरीबन 30 मिनट तक एकदूसरे का हाथ पकड़कर खड़े रहे। इसमें मुख्यमंत्री ने राज्य की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में स्वयं इसका नेतृत्व किया। गांधी मैदान में इस मौके पर बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इनमें मैगसायसाय पुरस्कार विजेता पर्यावरणविद् राजेंद्र सिंह और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के लिए भारत के प्रमुख अतुल बगई के साथ ही सांसद, राज्य कैबिनेट और राज्य विधानमंडल के सदस्य भी शामिल थे। आधे घंटे के इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मुख्यमंत्री ने अन्य लोगों की तरह ही सफेद रंग की टोपी पहन रखी थी। उन्होंने इस कवायद को समर्थन देने के लिए सिंह और बगई को धन्यवाद दिया।

राजेंद्र सिंह ने संवाददाताओं के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री की ‘जल जीवन हरियाली’ अभियान के लिए प्रशंसा की और कहा, ‘‘भारत यदि विश्व गुरु बनने का सपना देखता है तो उसके कारणों में से एक प्रकृति का सम्मान करने की हमारी सदियों पुरानी परंपरा है।’’ इस वृहद कार्यक्रम में जनता की भागीदारी के कई उदाहरण सामने आये। मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा खंड में ग्रामीणों ने गंडक नदी के दोनों तटों के बीच 200 मीटर की चौड़ाई में नावों का एक अस्थायी पुल बना दिया और उस पर खड़े हो गए। बेगूसराय के बलिया उपखंड में क्षेत्र के एक जानेमाने चिकित्सक के मृत बड़े भाई के अंतिम संस्कार में शरीक हो रहे शोक संतप्त परिवार के सदस्य और पड़ोसी चिता के सामने हाथ पकड़कर खड़े हो गए। हालांकि, इस दौरान एक व्यक्ति की दरभंगा जिले में और एक महिला की समस्तीपुर में मौत भी हो गई। मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘दोनों की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई।’’

मानवश्रृंखला की सफलता ने विपक्षी महागठबंधन में थोड़ी दरार भी सामने आयी जिसने कार्यक्रम से दूर रहने का फैसला किया था। राजद विधायकों फराज फातमी, महेश्वर यादव और प्रेमा देवी और विधानपरिषद् सदस्य संजय प्रसाद के अलावा कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी इसमें शामिल हुए। फातमी ने कहा, ‘‘मैं इस उद्देश्य का समर्थन कर रहा हूं और कोई राजनीतिक रुख नहीं अपना रहा हूं। मैं नहीं समझता कि मेरा यह कदम किसी भी तरह से पार्टी को कोई नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, मैं चाहता था कि राजद रातनीति से ऊपर उठती और इस मानवश्रृंखला का समर्थन करती। इसका राजनीति से संबंध नहीं है।’’

फातमी ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि पार्टी मुझे अनुशासन के नाम पर अपमानित करने के बारे में सोच रही है, जैसे उसने मेरे पिता को अपमानित किया। मैं पूछना चाहता हूं कि यदि राजद में अनुशासन इतना ही महत्वपूर्ण है तो तेजप्रताप यादव (पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे) के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जो लोकसभा चुनाव में हमारे कई उम्मीदवारों के हार का कारण थे।’’ उनके पिता मोहम्मद अशरफ फातमी राजद के साथ अपना पुराना जुड़ाव समाप्त करके मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले जदयू में शामिल हो गए थे। तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जैसे विपक्षी नेताओं ने आरोप नगाया कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मानवश्रृंखला में शामिल होने के लिए बाध्य किया गया जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल थे। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि यह ‘‘सरकारी संसाधनों की बर्बादी है।’’

Web Title: Five crore people made a record 18 thousand km long human chain in Bihar

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