दिल्ली में पटाखों पर रोक एक बार फिर बेअसर, पुलिस ने देरी से घोषणा को बताया जिम्मेदार

By भाषा | Published: November 15, 2020 08:41 PM2020-11-15T20:41:45+5:302020-11-15T20:41:45+5:30

Firecrackers in Delhi once again ineffective, police told late announcement responsible | दिल्ली में पटाखों पर रोक एक बार फिर बेअसर, पुलिस ने देरी से घोषणा को बताया जिम्मेदार

दिल्ली में पटाखों पर रोक एक बार फिर बेअसर, पुलिस ने देरी से घोषणा को बताया जिम्मेदार

(अंजलि पिल्लै)

नयी दिल्ली, 15 नवंबर दिल्ली में पटाखों पर लगे प्रतिबंध और हवा की गुणवत्ता को और खराब होने से बचाने की कोशिश असफल होने के लिए दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने प्रतिबंध की देरी से घोषणा और नागरिकों के असहयोगात्मक रवैये को जिम्मेदार ठहराया है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में (एनसीआर) में प्रदूषण और कोविड-19 महामारी की वजह से पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक के बावजूद शनिवार की पूरी रात दिल्ली और पड़ोसी इलाकों में लगातार पटाखों के जलाने की आवाजें सुनाई देती रही।

इसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ‘ गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और दीवाली के बाद रविवार की सुबह लोगों की नींद वातावरण में धुंए की गंध के साथ खुली।

पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक गैर कानूनी तरीके से पटाखे जलाने और बेचने की 1,206 घटनाएं हुई हैं और इनके पास से 1,314.42 किलोग्राम पटाखे जब्त किए गए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक 14 नवंबर को दिल्ली पुलिस के नियंत्रण कक्ष को पटाखे जलाने की करीब 2,000 शिकायतें मिली।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को एनसीआर में 30 नवंबर तक सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। दिल्ली सरकार ने भी 30 नवबंर तक इसी तरह की पाबंदी लगाई थी।

हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इस साल प्रतिबंध की घोषणा होने से पहले ही दिल्ली पुलिस की लाइसेंस इकाई 138 पटाखों की दुकानों को लाइसेंस जारी कर चुकी थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सभी लाइसेंस को स्थगित कर दिया गया।

प्रतितबंध को लागू कराने में आई परेशानी के बारे में एक अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘दिल्ली में पटाखे पहले ही बिक चुके थे जिसके बाद प्रतिबंध लगा। लोग पटाखों को खरीद कर घर में जमा कर लेते हैं और पूरे साल इन्हें जलाने के लिए दीवाली का इंतजार करते हैं।’’

अधिकारियों ने कहा कि पुलिस कार्रवाई ही काफी नहीं है और यहां के निवासियों को लोकहित में पटाखों पर रोक के पालन के लिए शपथ लेनी चाहिए।

पुलिस के मुताबिक नियमित जांच सुनिश्चित करने के लिए थाने और जिला स्तर पर विशेष टीम और उड़न दस्तों का गठन किया गया था।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे जागरूकता अभियान और कदम के बावजूद उल्लंघन के मामले सामने आए और हम ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।’’

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को कई बंदिशों में काम करना पड़ा जैसे नाबालिग बच्चों को पटाखे जलाते हुए देखा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘शिकायत मिलने पर हमने तत्परता से काईवाई की, लेकिन जब मौके पर पहुंचे तो पटाखा जलाने वाले की पहचान करना मुश्किल था।’’

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्वी दिल्ली) आरपी मीणा ने कहा कि उनके ही जिले में दीवाली पर 700 पुलिस कर्मियों की तैनाती नियमों के उल्लंघन की जांच करने के लिए की गई थी।

पटाखों पर प्रतिबंध के बारे में कई लोगों ने कहा कि वे पूरे साल दीवाली पर पटाखा जलाने का इंतजार करते हैं जबकि कुछ ने कहा कि इससे प्रदूषण के मोर्चे पर कोई मदद नहीं मिलने वाली है।

लाजपत नगर की रहने वाली ज्योति ने कहा कि बच्चों को पटाखे पर रोक की बात समझाना और उन्हें इससे दूर रहने के लिए राजी करना मुश्किल है।

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Web Title: Firecrackers in Delhi once again ineffective, police told late announcement responsible

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