सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक में FIR दर्ज, पीएम केयर्स फंड से जुड़ा है मामला
By निखिल वर्मा | Published: May 21, 2020 12:25 PM2020-05-21T12:25:00+5:302020-05-21T15:01:31+5:30
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष’ (पीएम केयर्स फंड) के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री शामिल हैं।
पीएम केयर्स फंड के खिलाफ कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक में एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि ट्वीट में कोष के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। शिवमोगा जिले में सागर कस्बे की पुलिस ने बुधवार को प्रवीण के वी नामक व्यक्ति की शिकायत पर मामला दर्ज किया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट में ‘निराधार आरोप’ लगाकर जनता के बीच अविश्वास पैदा करने का प्रयास किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस ने मामला दर्ज किये जाने की निंदा की है। आईपीसी की धाराओं 153 और 505 (1) (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है जो लोगों को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ अपराध करने के लिए अकारण उकसाने से संबंधित है। शिकायत में आरोप है कि आईएनसी इंडिया ट्विटर अकाउंट से 11 मई को शाम छह बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ संदेश डालकर पीएम केयर्स कोष के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया जिसमें कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद के लिए लोग दान दे रहे हैं।
शिकायतकर्ता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और ट्विटर हैंडल को संभालने में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। कर्नाटक कांग्रेस के प्रवक्ता सुभाष अग्रवाल ने मामला दर्ज होने की निंदा करते हुए कहा, ‘‘विपक्ष की जिम्मेदारी होती है कि वह सरकार पर सवाल खड़े करे। अगर विपक्ष की आवाज दबा दी गयी तो लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा।’’ अग्रवाल ने यह भी कहा कि पार्टी ने हमेशा कहा है कि जब प्रधानमंत्री राहत कोष पहले से है तो पीएम केयर्स फंड की कोई जरूरत नहीं है।
पीएम केयर्स फंड पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी सवाल उठा चुकी हैं। प्रियंका गांधी इस मुद्दे पर ट्वीट करते कहा था, 'जब जनता त्राहिमाम कर रही है. राशन, पानी, नकदी की किल्लत है और सरकारी महकमा सबसे सौ-सौ रुपए पीएम केयर के लिए वसूल रहा है। तब हर नजरिए से उचित रहेगा कि पीएम केयर की सरकारी ऑडिट भी हो?'