वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा, जानिए बड़ी बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 23, 2019 05:38 PM2019-08-23T17:38:54+5:302019-08-23T17:38:54+5:30
कांग्रेस ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। इस दिशा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस की।
भारत सहित दुनिया में अर्थव्यवस्था का हाल बुरा है। सरकार को जल्द से जल्द आर्थिक नरमी पर कुछ करना होगा। देश में इन दिनों इकोनॉमी का बुरा हाल हो रहा है।
कांग्रेस ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। इस दिशा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस की। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी को और आसान बनाया जाएगा।
#Watch: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses media in Delhi https://t.co/LDgMETRQdB
— ANI (@ANI) August 23, 2019
प्रमुख बातें
वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर संशोधित होकर मौजूदा अनुमान 3.2 प्रतिशत से नीचे जा सकती है। वैश्विक मांग कमजोर रहेगी
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध व मुद्रा अवमूल्यन के चलते वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति पैदा हुई है
भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई देशों की तुलना में ऊंची है: वित्त मंत्री
संपत्ति का सृजन करने वालों का सम्मान वित्त वर्ष 2019-20 के बजट की मूल भावना है। इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को समझने के लिये उनसे परामर्श किया गया
आर्थिक सुधार सरकार के एजेंडा में सबसे ऊपर है, सुधारों की प्रक्रिया जारी है, इसकी रफ्तार थमी नहीं है
कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा
वित्तमंत्री ने करदाताओं का उत्पीड़न समाप्त करने से जुड़े कर सुधारों के बारे में कहा, अब सभी कर नोटिस केंद्रीयकृत प्रणाली से जारी होंगे
वित्त मंत्री ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर बढ़ाए गए अधिभार को वापस लेने और बजट पूर्व की स्थिति बहाल करने की घोषणा की
MCLR is Marginal Cost of Funds based Lending Rate (MCLR)- the minimum interest rate, below which a bank is not permitted to lend https://t.co/EJpHrxbxlz
— ANI (@ANI) August 23, 2019
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी, ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें
छोटे एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के अब तक के सभी लंबित जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिन के भीतर कर दिया जाएगा, भविष्य के रिफंड मामलों को 60 दिन के भीतर निपटा दिया जाएगा
बैंकों ने रेपो दर में कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है, रेपो दर या बाहरी मानक आधारित कर्ज उत्पाद पेश किए। बैंक घर और वाहन के लिए कर्ज सस्ता करेंगे
मार्च 2020 तक खरीदे गए भारत मानक- चार के वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि तक परिचालन में बने रहेंगे
एफपीआई, घरेलू निवेशकों से ‘सुपर रिच’ कर वापस लेने से सरकार को 1,400 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा
दुनिया में मांग में कमी के आसार, भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर हालत में, दुनिया के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत
दुनिया भर के देश मंदी का सामना कर रहे हैं, जीएसटी को औरस आसान बनाया जाएगा, अमेरिका -चीन ट्रेंड वार से बुरा हाल
दुनिया के बाकी देश देश भी मंदी का सामना कर रहे हैं, देश के लोगों को वैश्विक मंदी को समझने की जरूरत है, इनकम टैक्स रिटर्न भरना आसान हुआ
Finance Minister Nirmala Sitharaman: There will be faceless scrutiny from 'Vijay Dashmi' this year, which will mean that there shall not be even, that one odd over-enthusiastic officer who might go and sit & talk about things, which may be construed as harassment. pic.twitter.com/Ucathko4kV
— ANI (@ANI) August 23, 2019
Union Minister for Finance and Corporate Affairs Nirmala Sitharaman during a press conference in Delhi: Just to give you briefly a picture of what is happening globally. The current projected global GDP growth is of about 3.2 % and probably is going to be even revised downwards. pic.twitter.com/yG9Wi0ePII
— ANI (@ANI) August 23, 2019
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों की आशंकाओं को दूर किया जा सके और वे निवेश के लिये प्रोत्साहित हों। आर्थिक नरमी को लेकर चिंता के बीच उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में बने अप्रत्याशित दबाव से निपटने के लिये लीक से हटकर कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि निजी निवेश तेजी से बढ़ने से भारत को मध्यम आय के दायरे से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। कुमार ने वित्तीय क्षेत्र में दबाव को अप्रत्याशित बताया।
उन्होंने कहा कि किसी ने भी पिछले 70 साल में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया जब पूरी वित्तीय प्रणाली में जोखिम है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों की आशंकाओं को दूर किया जा सके और वे निवेश के लिये प्रोत्साहित हों।’’