सीतारमण ने कहा, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 14, 2019 04:09 PM2019-09-14T16:09:37+5:302019-09-14T16:09:37+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के लिये राहत की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से अच्छी खासी नीचे है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं।
उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिये राहत की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से अच्छी खासी नीचे है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है।
हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में कुछ तेज होकर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गयी लेकिन यह अब निर्धारित दायरे में है। सीतारमण ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन से संबंधित सारी चिंताओं के बाद भी जुलाई 2019 तक हमें सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई देते हैं।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: Inflation is under control and there is a clear sign of revival of industrial production. pic.twitter.com/IMG0cqvRnA
— ANI (@ANI) September 14, 2019
उन्होंने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना समेत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में ऋण का प्रवाह सुधारने के कदमों की घोषणा के परिणाम दिखाई देने लगे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कई एनबीएफसी को फायदा हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि गोवा में जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले वह अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह की समीक्षा करने के लिये 19 सितंबर को सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगी।
औद्योगिक उत्पादन, स्थिर निवेश में सुधार के स्पष्ट संकेत: सीतारमण
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश में औद्योगिक उत्पादन और स्थिर निवेश में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने यह बात ऐसे समय की है जबकि आर्थिक वृद्धि की दर छह साल के निचले स्तर पर आ गयी है।
उन्होंने नरमी के दौर से गुजर रही घरेलू अर्थव्यवस्था के लिये प्रोत्साहनों की तीसरी किस्त की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बैंकों से ऋण प्रवाह को बेहतर बनाने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतिगत दर में कटौती का लाभ बैंक ग्राहकों को देने लगे हैं। वह इसकी समीक्षा करने के लिये 19 सितंबर को सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों के साथ मुलाकात करेंगी। रिजर्व बैंक फरवरी से अब तक नीतिगत दर रेपो में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।