निर्मला सीतारमण बोलीं- UPA सरकार के 'तेल बॉन्ड' का बोझ नहीं होता तो पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती सरकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2021 06:25 PM2021-08-16T18:25:37+5:302021-08-16T18:26:06+5:30
देश भर में बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में पेट्रोल की कीमतें इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि पूर्व की यूपीए सरकार ने ऑयल बॉन्ड जारी किया था जिसके दुष्प्रभाव अब नजर आ रहे हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपये का बांड जारी कर ईंधन की कीमतों में कमी की थी.
देश भर में बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में पेट्रोल की कीमतें इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि पूर्व की यूपीए सरकार ने ऑयल बॉन्ड जारी किया था जिसके दुष्प्रभाव अब नजर आ रहे हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपये का बांड जारी कर ईंधन की कीमतों में कमी की थी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल की कीमतों पर कहा कि पिछली सरकार में तेल बॉन्ड पर की गई चालबाजी का नतीजा है कि हमारी सरकार प इसका बोझ आ गया है. इसलिए हम पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं कर पा रहे.
UPA Govt had reduced fuel prices by issuing Oil Bonds of Rs 1.44 lakh crores. I can't go by the trickery that was played by previous UPA Govt. Due to Oil Bonds, the burden has come to our Govt, that's why we are unable to reduce prices of petrol & diesel: FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/8zMJoLRFmZ
— ANI (@ANI) August 16, 2021
उन्होंने कहा कि देश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों पर लोगों का चिंतित होना सही है. इस बारे में जब तक केंद्र और राज्य मिलकर कोई रास्ता नहीं निकालते तब तक इसका कोई समाधान संभव नहीं है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि, फिलहाल ईंधन पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कोई कटौती नहीं की जाएगी. यूपीए सरकार द्वारा जारी तेल बॉन्ड खामियाजा हमारी सरकार को भुगतना पड़ रहा है. हमें सरकारी कोष से भारी ब्याज चुकाना पड़ रहा है. सरकार ने पिछले 5 वर्षों में तेल बॉन्ड पर 70,195.72 करोड़ से अधिक का ब्याज भुगतान किया है.
उन्होंने कहा कि, हमें अभी भी 2026 तक 37,000 करोड़ रुपये का ब्याज देना होगा. ब्याज भुगतान के बावजूद, 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूलधन अभी भी बाकी है. तेल बॉन्ड का बोझ न होता तो मैं ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होती.