फारूक और उमर अब्दुल्ला को बड़ा झटका, देवेंद्र राणा और सलाथिया ने दिया नेशनल कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा, भाजपा में होंगे शामिल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 10, 2021 05:37 PM2021-10-10T17:37:40+5:302021-10-10T17:46:53+5:30
जम्मू से नेशनल कॉन्फ्रेंस के दो प्रमुख नेताओं देवेंद्र राणा और सुरजीत सिंह सलाथिया ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
जम्मूः फारूक और उमर अब्दुल्ला को जम्मू में बड़ा झटका लगा है। देवेंद्र राणा और एसएस सलाथिया ने रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया।
हालांकि उनके पार्टी छोड़ने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। देवेंद्र सिंह राणा तीन बार जम्मू-कश्मीर के विधायक रह चुके हैं। उनके सोमवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होने की संभावना है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ डॉ.फारूक अब्दुल्ला को सलाथिया और राणा का इस्तीफा प्राप्त हुआ, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद कोई कार्रवाई या टिप्पणी की जरूरत महसूस नहीं होती।’’ जम्मू क्षेत्र के नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष राणा पिछले कई दिनों से संकेत दे रहे थे कि वह पार्टी छोड़ सकते हैं।
Jammu & Kashmir: National Conference leader Devender Singh Rana resigns from the primary membership of the party
— ANI (@ANI) October 10, 2021
(File pic) pic.twitter.com/HNWnjgDVDl
जम्मू क्षेत्र के नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष राणा ने पार्टी छोड़ने की घोषणा अपने घर के बाहर मीडिया से संक्षिप्त वार्ता में की। इसके साथ ही गत सप्ताह से उनके पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के लग रहे कयासों का भी पटाक्षेप हो गया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मैं और (पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व मंत्री) एस एस सलाथिया ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।’’ राणा पूर्व विधायक और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई हैं।
वह तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार का पद छोड़ने के बाद 2011 से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूबाई अध्यक्ष के पद पर काबिज थे। उन्होंने कहा, ‘‘अब जम्मू-कश्मीर की आवाज जम्मू से आएगी जिसे उसका सही स्थान मिलना चाहिए।’’ राणा को नेशनल कॉन्फ्रेंस की जम्मू इकाई की रीढ़ माना जाता था।
राणा ने कहा कि उनका राजनीतिक दर्शन प्रस्तावित ‘जम्मू घोषणा पत्र’ पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि उनकी एकमात्र चिंता जम्मू का हित और इलाके के लोगों की इच्छाएं और महत्वाकांक्षा है और ‘जम्मू घोषणापत्र’ इस दिशा में एक कोशिश है जहां पर सभी वर्गों और राजनीति पार्टियों के लोगों को एक साथ आने की जरूरत है।
राणा ने 30 जनवरी को ‘जम्मू घोषणा पत्र’ का प्रस्ताव किया था जिसमें जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों और समुदायों में एकजुटता और विश्वास बहाल करने पर जोर दिया गया है। जब राणा से पूछा गया कि क्या उनका इस्तीफा नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए बड़ी हानि है तो उन्होंने कहा लोग आते हैं और जाते हैं, इसलिए दो नेताओं के इस्तीफे से असर नहीं होगा क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ‘बहुत बड़ी’ पार्टी है।
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से उनके बहुत अच्छे संबंध हैं। गौरतलब है कि जम्मू घोषणा पत्र का प्रस्ताव रखने के बाद राणा ने कहा था कि भाजपा एकमात्र बड़ी पार्टी है जिसने इस पर ‘बड़ी प्रतिक्रिया’ दी।