फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'हम अपराधी नहीं, हमारे साथ ऐसा व्यवहार गलत', शशि थरूर ने शेयर किया खत

By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 6, 2019 01:23 PM2019-12-06T13:23:33+5:302019-12-06T13:23:33+5:30

Farooq Abdullah: कांग्रेस सांसद शशि थरूर को लिखे जवाबी खत में फारूक अब्दुल्ला ने खुद को हिरासत में रखे जाने पर उठाए सवाल

Farooq Abdullah writes to Shashi Tharoor, We Are Not Criminals | फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'हम अपराधी नहीं, हमारे साथ ऐसा व्यवहार गलत', शशि थरूर ने शेयर किया खत

शशि थरूर को लिखे खत में फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'हम अपराधी नहीं हैं'

Highlightsफारूख अब्दुल्ला ने शशि थरूर को लिखा जवाबी खतफारूक ने कहा, 'हमारे साथ गलत व्यवहार, हम अपराधी नहीं हैं'

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का वह खत शेयर किया है, जिसमें उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र में न शामिल होने देने के लिए केंद्र की आलोचना की है। 

5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही फारूख अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और कई अन्य राजनेता हिरासत में हैं। 

थरूर द्वारा अक्टूबर में भेजे खत के जवाब में फारूक अब्दुल्ला ने लिखा है, '21 अक्टूबर 2019 को भेजे गए आपके खत के लिए शुक्रिया, जिसे आज मजिस्ट्रेट द्वारा मुझे दिया गया है।

हम अपराधी नहीं हैं: फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे मुझे मेरा खत समय पर नहीं पहुंचा पाते हैं। मुझे नहीं लगता कि संसद के एक वरिष्ठ सदस्य और एक पार्टी के नेता के साथ व्यवहार का ये सही तरीका है। हम अपराधी नहीं हैं।'

कांग्रेस और विपक्षी दल संसद में जम्मू कश्मीर के नेताओं को लंबे समय तक हिरासत में रखे जाने का मुद्दा उठाते हुए केंद्र पर अब्दुल्ला को बोलने से रोकने का आरोप लगाया। 

शशि थरूर ने शेयर किया फारूक अब्दुल्ला का खत

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने फारूक अब्दुल्ला का खत शेयर करते हुए कहा, 'कैदी फारूक साब का खत। संसद सदस्य को सत्र में शामिल होने की इजाजत मिलनी चाहिए, क्योंकि ये संसदीय विशेषाधिकार का मामला है। अन्यथा गिरफ्तारी के हथियार का इस्तेमाल विपक्ष की आवाज को दबाने में किया जा सकता है। लोकतंत्र और लोकप्रिय संप्रभुता के लिए संसद में भागीदारी आवश्यक है।'

अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट का चार्ज लगाया गया है, जिसके तहत बिना सुनवाई के बिना ही दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।

Web Title: Farooq Abdullah writes to Shashi Tharoor, We Are Not Criminals

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