अयोध्या विवाद पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, राम मंदिर के निर्माण में पत्थर लगाए तो शुद्धीकरण तो नहीं किया जाएगा?
By पल्लवी कुमारी | Published: January 4, 2019 01:45 PM2019-01-04T13:45:23+5:302019-01-04T15:33:30+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए टाल दी है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, ‘‘एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी।’’
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर राम मंदिर बना तो मैं ईंट लगाने जाऊंगा। उन्होंने ये भी कहा कि ये मामला कोर्ट में भी ले जाने की जरूरत नहीं थी। ये ऐसा विवाद था, जिसको पक्ष-विपक्ष में मिलकर सुलाझा सकते थे।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं हैं, वह पूरी दुनिया के हैं। ''भगवान राम से किसी को बैर नहीं है और होना भी नहीं चाहिए। कोशिश करनी चाहिए मामले को सुलझाने की और बनाने की। जिस दिन यह हो जाएगा, मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा।''
Farooq Abdullah on Ayodhya issue: Bhagwan Ram se kisi ko baer nahi hai na hona chahiye. Koshish karni chahiye suljhane ki aur banane ki. Jis din ye ho jayega main bhi ek patthar lagane jaaonga. Jaldi samadhaan hona chahiye https://t.co/eIBPpvpr8G
— ANI (@ANI) January 4, 2019
फारूक अब्दुल्ला ने भी सवाल उठाए, अगर मैं राम मंदिर के निर्माण में पत्थर लगवाता हूं तो मंदिर बनने के बाद उसे धुलवाया तो नहीं जाएगा।'' इस दौरान अब्दुल्ला ने बीजेपी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पिछले पौने पांच साल में कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा, 'मंदिर बनाने से बीजेपी का कोई सरोकार नहीं है। ये लोग सिर्फ कुर्सी पर बैठने के लिए मंदिर की बात उठाते हैं।'
Farooq Abdullah: This(Ayodhya) issue should be discussed and sorted out across the table between people. Why to drag the issue to the Court? I am sure it can be resolved through dialogue. Lord Ram belongs to the whole world, not just Hindus. pic.twitter.com/XDOCXNCDER
— ANI (@ANI) January 4, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद सुनवाई 10 जनवरी तक टाली
सुप्नीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा गठित एक उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, ‘‘एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी।’’
सुनवाई के लिए मामला सामने आते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला है और इस पर आदेश पारित किया। अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं हरीश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला। मामले की सुनवाई महज 60 सेकेंड चली। इस मामले पर सुनवाई के लिए तीन जजों के बेंच का गठन 6 या 7 जनवरी को किया जाएगा।
पीएम मोदी ने न्यायिक प्रक्रिया के तहत राम मंदिर के निमार्ण की बात कही
प्रधानमंत्री मोदी ने कई टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित किए गए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘न्यायिक प्रक्रिया को अपना काम करने दें। इसे राजनीतिक दृष्टि से ना तौलें। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने दें। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार के तौर पर हमारी जो भी जिम्मेदारी होगी उसके लिए हम हरसंभव कोशिश करने को तैयार हैं।’’