मीटिंग में नहीं आए कृषि मंत्री, नाराज किसान संगठनों ने बीच में छोड़ी बैठक, फाड़ी कृषि विधेयकों की कॉपी

By विनीत कुमार | Published: October 14, 2020 02:32 PM2020-10-14T14:32:35+5:302020-10-14T14:35:48+5:30

कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे 29 किसान संगठन नई दिल्ली में केंद्र के साथ बातचीत करने के लिए पहुंचे थे। हालांकि, उन्होंने बैठक बीच में ही छोड़ दिया। किसानों की मांग थी कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी बैठक में मौजूद रहना चाहिए।

Farmers union leave meeting with centre over minister's absence, tear farm laws copies | मीटिंग में नहीं आए कृषि मंत्री, नाराज किसान संगठनों ने बीच में छोड़ी बैठक, फाड़ी कृषि विधेयकों की कॉपी

किसानों और केंद्र के बीच बातचीत बीच में ही खत्म (फोटो- एएनआई)

Highlightsकिसानों के आंदोलन के देखते हुए कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से बैठक बुलाई थी बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मौजूद नहीं होने से नाराज हुए किसान

दिल्ली में किसानों और केंद्र के बीच आज हुई बैठक अचानक और बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। किसान संगठन के प्रतिनिधि बीच बैठक से बाहर चले आए। एक किसान यूनियन के नेता ने कहा कि बैठक में कोई मंत्री मौजूद नहीं था। इस बैठक में हालांकि कृषि सचिव मौजूद थे लेकिन किसानों की मांग थी कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहें।

बैठक से बाहर आने के बाद इन किसानों ने मंत्रालय के सामने ही कृषि विधेयकों की कॉपियां भी फाड़ी। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार एक किसान नेता ने बैठक से बाहर आने के बाद कहा, 'हम इस चर्चा से संतुष्ट नहीं थे इसलिए बाहर आ गए। हम इस काले कानून को खत्म कराने के पक्ष में हैं। सचिव ने कहा कि वे हमारी मांगों को आगे ले जाएंगे। हम बाहर आ गए क्योंकि कोई मंत्री बैठक के लिए नहीं आया। हम चाहते हैं कि ये कानून वापस लिए जाएं।'  

कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे 29 किसान संगठन नई दिल्ली में केंद्र के साथ बातचीत करने के लिए पहुंचे थे। इस बैठक को लेकर फैसला मंगलवार को किया गया था। पंजाब में किसान मांग कर रहे हैं कि संसद से हाल ही में पारित किये गये तीनों कानून निरस्त किए जाएं।

इससे पहले मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने मीडिया को बताया कि केंद्र के साथ बातचीत के लिए सात सदस्यीय समिति बनायी गयी है। इस समिति में बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, जगजीत सिंह डालेवाल, जगमोहन सिंह, कुलवंत सिंह, सुरजीत सिंह और सतमान सिंह साहनी शामिल किये गये हैं। 

राजेवाल ने बताया कि केंद्रीय कृषि विभाग के सचिव के निमंत्रण के अनुसार केंद्र उनसे बातचीत करना चाहता है। उन्होंने कहा था, ‘हम जा रहे हैं, क्योंकि हम निमंत्रण को ठुकराते रहे तो वे कहेंगे कि हम किसी वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। हम उन्हें कोई बहाना नहीं देना चाहते। हम वहां जायेंगे।’ 

कृषि विधेयकों के विरोध में लंबे समय से पंजाब में प्रदर्शन चल रहा है और कई जगहों पर रेल यातायात को भी किसानों ने रोक रखा है। हाल में पंजाब सरकार ने यह कहते हुए किसानों से ‘रेल रोको’ आंदोलन में ढील देने की अपील की थी कि उसे खाद्यान्न, कोयला, उर्वरकों एवं पेट्रोल की तत्काल ढुलाई की जरूरत है और मंडियों से अनाज भी उठाया जाना है। 

क्या है बिलों को लेकर पूरा विवाद

संसद के दोनों सदनों में हाल में मानसून सत्र में किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, सहित किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020 पास किये गए थे।

इन तीनों विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 27 सितंबर को मंजूरी दे दी थी। किसानों का आरोप है कि सरकार नए कानून की आड़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद करना चाहती है। किसानों के ऐसे भी आरोप हैं कि इन विधेयकों के बाद किसान कॉरपोरेट के हाथों की कठपुतली बनकर जाएंगे।

(भाषा इनपुट)

Web Title: Farmers union leave meeting with centre over minister's absence, tear farm laws copies

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