किसान आंदोलन को फिर तेज करने की कवायद, मई में दिल्ली कूच करेंगे किसान, संसद घेराव का ऐलान
By विनीत कुमार | Published: April 2, 2021 09:22 AM2021-04-02T09:22:52+5:302021-04-02T09:28:24+5:30
दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले करीब 5 महीने से जारी किसान आंदोलन को और तेज करने की कवायद शुरू कर दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आने वाले दिनों के लिए कई कार्यक्रमों का ऐलान किया है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बार फिर किसान आंदोलन को तेज करने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले करीब 5 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने अब मई के पहले हफ्ते में ससंद तक पैदल मार्च करने का फैसला किया है।
इसमें न केवल किसानों को, बल्कि बल्कि महिलाओं, बेरोजगार व्यक्तियों और श्रमिकों को भी शामिल किया जाएगा। हालांकि तारीख को लेकर अभी कुछ तय नहीं किया गया है। किसान नेताओं ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जायेगा कि 26 जनवरी को जो घटना हुई थी, वो न दोहराई जाए। किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए कई और योजनाएं भी बनाई हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के अप्रैल में कार्यक्रम
संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार पांच अप्रैल को एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) बचाओ दिवस आयोजित किया जायेगा और इसके तहत देशभर के एफसीआई कार्यालयों का घेराव किया जायेगा।
इसके बाद 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को जाम करने की भी घोषणा की गई है। किसान नेताओं के अनुसार केएमपी एक्सप्रेसवे को 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए अवरुद्ध किया जाएगा। ये 10 अप्रैल को सुबह 11 बजे से अगले दिन 11 बजे तक होगा।
इसके अलावा 6 अप्रैल को देश भर से मिट्टी इकट्ठा करने की भी किसानों की योजना है। किसान नेताओं के अनुसार ये मिट्टी लेकर शहीदी स्मारक बनाया जाएगा। किसान नेताओं के अनुसार आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके सम्मान में ये कार्यक्रम होगा।
संयुक्ता किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि अप्रैल में उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव हैं। इसमें भी बीजेपी का विरोध करने की घोषणा की गई है।
किसानों ने भीम राव आंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को ‘‘संविधान बचाओ दिवस’’ मनाने का भी आह्वान किया है। इसी तरह दिल्ली की सीमाओं पर एक मई को श्रमिक दिवस भी आयोजित किया जायेगा। वहीं, 13 अप्रैल को बैसाखी का त्योहार दिल्ली की सीमाओं पर मनाया जाएगा।