किसान आंदोलन: दिल्ली पुलिस की ओर से गाजीपुर बॉर्डर पर लगवाई गई कीलें दो दिनों में कई जगहों पर मोड़ी गई
By विनीत कुमार | Published: February 3, 2021 06:29 PM2021-02-03T18:29:03+5:302021-02-03T18:35:19+5:30
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर कई जगहों पर लगाई गई नुकीली कीलों को मोड़ा गया है। हालांकि, ये स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है कि किसने इन्हें मोड़ा है। वैसे ये बात सामने आई है कि कई जगहों पर लोगों ने ही पैरों से इसे मोड़ दिया है।
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की ओर लगाई गई नुकीली कीलों को कई जगहों पर मोड़ दिया गया है। ऐसी जानकारी सामने आई है कि वहां आना-जाना कर रहे लोग और किसानों ने ही पैरों से इसे मोड़ दिया। हाल में किसानों की बढ़ती तादाद के बीच पुलिस ने सोमवार को इन्हें गाजीपुर सहित टिकरी बॉर्डर पर भी लगवाया था।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के बीच पिछले दो दिनों से दिल्ली पुलिस की ओर से इन जगहों पर की गई बैरिकेडिंग दरअसल चर्चा में है।
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने कंटीली तारें लगा दी थी। साथ ही जमीन पर नुकीली कीलों को भी लगा दिया गया ताकि दिल्ली में किसान किसी वाहन के जरिए दाखिल नहीं हो सकें।
दिल्ली पुलिस की मल्टी लेयर की बैरिकेडिंग की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं और विपक्ष भी इनकी तीखी आलोचना कर रहा है। हालांकि, अब इसे कई जगहों पर आने-जाने वाले लोगों ने ही पैरों से मोड़ दिया है।
वहीं, दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा है कि जब 26 जनवरी को पुलिस की बैरिकेड्स तोड़े गए थे, तब कोई सवाल क्यों नहीं पूछा गया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पुलिस ने सिर्फ अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के मामले में 44 FIR दर्ज की है और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा के दौरान कुल 510 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और उनमें से 144 कर्मी दिल्ली पुलिस की पश्चिमी रेंज के थे।
इस हिंसा के बाद एक समय किसान आंदोलन खत्म होता नजर आ रहा था। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सहित अन्य राज्यों से किसान के वापस आने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया।
किसान आंदोलन पर जींद में महापंचायत
दूसरी ओर राकेश टिकैत ने बुधवार को हरियाणा जींद में आयोजित महापंचायत में एक बार फिर जोर देकर कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के अलावा किसान मानने वाला नहीं है।
उन्होंने सरकार को चेताया, ‘अभी तो किसानों ने सिर्फ कानून वापसी की बात कही है, अगर किसान गद्दी वापसी की बात पर आ गए तो उनका क्या होगा। इस बात को सरकार को भलिभांति सोच लेना चाहिए।'
किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस की घेरांबदी को लेकर कहा कि सरकार ने कीलें गाडी, तार लगवाए, लेकिन ये चीजें किसानों को नहीं रोक पाएंगी।
'राजा जब डरता है तो किलेबंदी करता है'
महापंचायत के लिए गाजीपुर बॉर्डर से जींद पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा, 'राजा जब डरता है तो किलेबंदी करता है। मोदी सरकार किसानों के डर से किलेबंदी करने में जुटी है।'
टिकैत ने कहा कि किसान इन्हें उखाड़ कर अपने घरों में ले जाएंगे और अपने-अपने गांवों की चौपालों में रखेंगे और आने वाली नस्लों को बताएंगे कि किस प्रकार सरकार ने उनका रास्ता रोकने के लिए प्रोपेगंडे रचे थे।
उन्होंने कहा कि यह किलेबंदी एक नमूना है, आने वाले दिनों में गरीब की रोटी पर भी किलेबंदी होगी। टिकैत ने कहा कि किसी भी गरीब की रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसीलिए किसानों ने यह आंदोलन शुरू किया है।
(भाषा इनपुट)