दिल्ली में किसानों ने किया धरना खत्म, सरकार ने 5 मांगें मानीं
By भाषा | Published: September 21, 2019 05:23 PM2019-09-21T17:23:09+5:302019-09-21T17:23:09+5:30
उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसानों ने शनिवार को दिल्ली में 'किसान घाट' की ओर कूच किया था। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने वापस जाने का फैसला किया है।
गन्ने की बकाया रकम, कर्जमाफी और सस्ती बिजली समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर जमे यूपी के किसानों ने वापस जाने का फैसला किया है। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के आश्वासन के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है।किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी सिर्फ पांच मांगें ही मानी हैं और पूरी मांगें नहीं माने जाने पर वे फिर से धरना देंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने कहा, 'सरकार ने हमारी 15 में से पांच मांगों को मान लिया है। प्रदर्शन अभी वापस नहीं लिया गया है, यह सिर्फ अस्थायी व्यवस्था है। हम 10 दिन बाद अपनी बाकी की मांगों को लेकर पीएम से मुलाकात करेंगे।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर सरकार हमारी सारी मांगें मान लेती है तो ठीक, नहीं तो हम सहारनपुर में फिर प्रदर्शन शुरू करेंगे।'
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसानों ने शनिवार को दिल्ली में 'किसान घाट' की ओर कूच किया था। ये सभी किसान शुक्रवार को नोएडा में रुके थे वे दोपहर तक दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पर स्थित दिल्ली गेट पहुंचे, जिससे मार्ग में यातायात में बाधा पैदा हुई।
Puran Singh, President, Bhartiya Kisan Sangathan on UP farmers march to Kisan Ghat in Delhi: If they (govt) agree to all of our demands we will call off the agitation and if not, we will start an agitation from Saharanpur again. https://t.co/cilijx5dF8pic.twitter.com/7J60Sqq0SW
— ANI (@ANI) September 21, 2019
दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया था कि किसानों की रैली के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग-9 पर गाजीपुर बार्डर पर यूपी गेट व निजामुद्दीन की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-24 दोनों पर वाहनों की आवाजाही में बाधा आयी। भारतीय किसान संगठन (बीकेएस) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 11 सितंबर को सहारनपुर से अपना मार्च शुरू किया. राष्ट्रीय राजधानी में स्थित 'किसान घाट' पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह की याद में बनाया गया है। किसानों की अन्य प्रमुख मांगों में स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करना भी शामिल है।