किसानों ने सड़क जाम की, कृषि विधेयक के समर्थक सांसदों को गांव में घुसने से रोकने की चेतावनी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 15, 2020 10:02 PM2020-09-15T22:02:08+5:302020-09-15T22:02:08+5:30

किसानों ने कल से अपनी मांगों को लेकर सड़क ब्लॉक की हुई है। आज ट्रक ड्राइवर मांग कर रहे हैं कि या तो उन्हें भी जाने दिया जाए या तो किसी को न जाने दिया जाए। मैंने अपने सीनियर अधिकारियों को इस मामले की सूचना दे दी है : पुलिस इंस्पेक्टर हरप्रीत सिंह अमृतसर, पंजाब

Farmers block road warns MPs of Agricultural Bill to stop entering village | किसानों ने सड़क जाम की, कृषि विधेयक के समर्थक सांसदों को गांव में घुसने से रोकने की चेतावनी

विधेयक को वापस लेने की मांग के प्रति केंद्र सरकार के उदासीन रवैये की वजह से उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा है।

Highlightsआम यात्रियों को परेशानी हुई क्योंकि प्रशासन ने यातायात का मार्ग परिवर्तित किया था।संसद में अगर राज्य का कोई सांसद इस विधेयक का समर्थन करेगा तो उसे गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।किसानों को कृषि उत्पादन और बिक्री के लिए निजी संस्थाओं से समझौता करने के लिए सशक्त किया गया है।

चंडीगढ़ः पंजाब में किसानों ने कृषि विधेयक के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन् के दौरान कई स्थानों पर सड़कों को जाम किया और चेतावनी दी कि संसद में अगर राज्य का कोई सांसद इस विधेयक का समर्थन करेगा तो उसे गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।

कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को ‘किसान विरोधी’ बता प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पंजाब के विभिन्न स्थानों पर करीब दो घंटे तक राजमार्ग और अन्य अहम सड़कें बाधित की जिससे आम यात्रियों को परेशानी हुई क्योंकि प्रशासन ने यातायात का मार्ग परिवर्तित किया था। केंद्र सरकार ने खाद्य एवं कृषि सुधार विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया। इस प्रस्तावित विधेयक में अधिसूचित कृषि मंडियों के बाहर कृषि उत्पादों को बिना किसी बाधा बेचने का प्रावधान है और किसानों को कृषि उत्पादन और बिक्री के लिए निजी संस्थाओं से समझौता करने के लिए सशक्त किया गया है।

किसानों ने अपना विरोध तेज कर दिया है। उनका कहना है कि विधेयक को वापस लेने की मांग के प्रति केंद्र सरकार के उदासीन रवैये की वजह से उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा है। विधेयक के खिलाफ कई किसान संगठनों ने पंजाब में रास्ता रोको आंदोलन का आह्वान किया है। भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल गुट) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा, ‘‘संसद में जो भी सांसद कृषि विधेयकों का समर्थन करेगा उन्हें गांव में प्रवेश करने नहीं दिया जएगा और हम उन्हें सबक सिखाएंगे।’’

उन्होंने विधेयकों को कोरोना वायरस से भी खराब करार देते हुए कहा कि अगर यह लागू होता है तो किसानों, आढ़तियों और खेतीहर मजदूरों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। लुधियाना के नीलोन सेतु पर अन्य किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे लखोवाल ने कहा कि उन्हें प्रत्येक सांसद के समर्थन की जरूरत है क्योंकि केंद्र सरकार इसे पारित कराने पर अमादा है जो किसान समुदाय के हितों के खिलाफ है। लखोवाल ने कहा कि उनके संगठन के साथ 11 अन्य किसान संगठनों ने 25 स्थानों पर सड़कें बाधित कीं जिनमें मुख्यत: राष्ट्रीय राजमार्ग हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को विधेयक वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं। लखोवाल ने साथ ही कहा कि किसानों का समूह दिल्ली में भी प्रदर्शन करेगा। इस बीच, मोगा में कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने काले कपड़े पहनकर जबकि कुछ ने गले में फंदा लगाकार प्रदर्शन् किया। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के बैनर तले किसानों ने मुक्तसर के बादल गांव और पटियाला में प्रदर्शन किया। उन्होंने फगवड़ा में फगवाड़ा-होशियारपुर चीनी मिल क्रासिंग एवं फगवाड़ा-नकोदर रोड क्रॉसिंग पर दो घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित रखा।

भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने भी किसानों के साथ प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की एवं विधेयक वापस लेने की मांग की। होशियारपुर में किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने प्रदर्शन किया और जालंधर-पठानकोट जीटी रोड को भांगला के पास बाधित कर दिया। इस बीच, टांडा पुलिस ने सड़क बाधित करने के लिए किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया। 

Web Title: Farmers block road warns MPs of Agricultural Bill to stop entering village

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