कृषि कानूनः गांधी मैदान में नहीं मिली अनुमति, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता के साथ धरना पर बैठे तेजस्वी यादव
By एस पी सिन्हा | Published: December 5, 2020 03:52 PM2020-12-05T15:52:33+5:302020-12-05T15:57:26+5:30
किसान आंदोलनः प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने और गांधी मैदान को सील किए जाने के बावजूद बाहर ही चार नंबर गेट पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव सहित कई नेता धरने पर बैठ गए हैं.
पटनाः बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए आंदोलन का ऐलान किया है.
इसी कड़ी में तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन के नेता आज गांधी मैदान के बाहर गेट नंबर चार पर धरने पर बैठे हैं. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है.
आज किए गए ट्वीट में तेजस्वी ने कहा है कि गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे हैं. उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति को क़ैद कर लिया, ताकि गांधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गांधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके. नीतीश जी, वहां पहुंच रहा हूं. रोक सको तो रोक लीजिए.
गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने का आह्वान किया था
दरअसल, तेजस्वी यादव ने गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने का आह्वान किया था. लेकिन प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद राजद कार्यकर्ता गेट पर ही धरने पर बैठ गए. किसान आंदोलन के समर्थन में राजद के धरना की जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है.
दिल्ली के आसपास आंदोलित किसानों के समर्थन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में धरना देनेवाले थे. राजद की ओर से आज पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास सुबह 10 बजे से धरना कार्यक्रम था. किंतु जिला प्रशासन ने कार्यकर्ताओं को बाहर निकालकर गांधी मैदान सील कर दिया.
जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. हालांकि गांधी मैदान में राजद कार्यकर्ता जुटने लगे थे. सारी व्यवस्था कर ली गई थी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी समेत अन्य नेताओं के बैठने एवं माइक की व्यवथा की जा रही थी, तभी प्रशासन ने आकर रोक दिया. सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार ने बताया कि गांधी मैदान धरना स्थल नहीं है.
धरना के लिए प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी
धरना के लिए प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी. गांधी मैदान में प्रवेश की अनुमति नहीं देने पर राजद के नेता और कार्यकर्ता गेट नंबर 4 के आगे ही दरी बिछाकर धरना पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे. महागठबंधन के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी गांधी मैदान पहुंच कर धरने पर बैठ गये. गांधी मैदान पहुंचने से पहले उन्होंने नीतीश सरकार को चुनौती भी दे डाली. उधर,राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि आरएसएस मोहन भागवत पटना आए हुए हैं, मगर किसानों के मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?
किसान और मजदूर विरोधी फैसलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सहभागी
इसबीच, तेजस्वी यादव ने आरोप जड़ा कि केंद्र के किसान और मजदूर विरोधी फैसलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सहभागी हैं. केंद्र सरकार आज जो बातचीत कर रही है, वह कानून बनाने से पहले होनी चाहिए थी. उन्होंने राज्य के सभी किसानों और संगठनों से बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की.
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र को भी प्राइवेट कंपनियों को देने की साजिश रच दी है. वहीं, राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी ने कहा है कि किसान आंदोलन आज मोदी सरकार के समक्ष गंभीर चुनौती बना हुआ है. संयोग है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बिहार में हैं, लेकिन इस संदर्भ में अभी तक उनकी राय देश के सामने नहीं आई है.
आंदोलन को खालिस्तान समर्थक या टुकडे़-टुकडे़ गैंग के लोग चला रहे हैं
उनकी राय देश जानना चाहता है. शिवानंद ने कहा कि संघ प्रमुख की राय जानने की उत्सुकता इसलिए भी है कि एक ओर भाजपा से जुडे़ कुछ महत्वपूर्ण नेता आरोप लगा रहे हैं कि इस आंदोलन को खालिस्तान समर्थक या टुकडे़-टुकडे़ गैंग के लोग चला रहे हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी आरोप लगाया है कि किसानों के हित में बनाए गए इन ऐतिहासिक कानूनों के खिलाफ विरोधी दल के लोगों ने अफवाह फैलाकर उनके अंदर भ्रम फैलाया है. दूसरी ओर, देश का कोई भी किसान संगठन इस आंदोलन का विरोध नहीं कर रहा है.
उधर, पूर्व मंत्री और जदयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने निशाना साधा है. उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को लेकर तेजस्वी पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा है कि 'जिसके पिता भ्रष्टाचार में सजायाफ्ता हों खुद भ्रष्टाचार का आरोपी हो फिर इनका आइकॉन राष्ट्रपति महात्मा गांधी तो हो नहीं सकते इन्हें तो चाहिए जेल के सामने समागम लगाते तो ज्यादा बेहतर होता.'
छुपाना है कि किसानों को मजदूर किसने बनाया
इसके बाद नीरज कुमार ने लिखा कि 'इसके अनशन बहाना है, अब किसानों का हक खाना है गांधी मूर्ति की आड़ में, बहुत कुछ छुपाना है छुपाना है कि किसानों को मजदूर किसने बनाया, छुपाना है कि चारा किसने खाया, छुपाना है उस चेहरे को जो खुद छुप बैठा है, सलाखों के पीछे लेटा है छुपाना है उस किरदार को, जो नकली नेता है, दागदार बेटा है 'नीरज कुमार ने कहा कि जो लोग गांधी जी के सामने आज धरना दे रहे हैं उनके होटवार जेल, बेऊर जेल और तिहाड़ जेल के आगे धरना देना चाहिए. ताकि जनता को लगे वो अपनी गलती को मान रहे हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद नेताओं पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि राजद के 15 साल के राज में दलितों के सामूहिक नरसंहार, फिरौती के लिए 17000 लोगों का अपहरण और पंचायत से संसद तक के लिए हुए कुल नौ चुनावों में 641 हत्याएं हुई. उस समय उन्हें गांधीजी के सिद्धांत की याद नहीं आई अब वे गांधी को याद कर रहे हैं.
ट्वीट कर पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लालू- राबड़ी राज में गांधी ही नहीं, जेपी, लोहिया, कर्पूरी ठाकुर तक अनेक महापुरुषों के आदर्शों को रौंद कर सम्पत्ति बनाई गई. वंशवादी राजनीति को मजबूत किया गया. जिनके मन में गांधीजी की प्रतिमा के सामने धरना देने का विचार आ रहा है, वे सत्ता में रहते हुए गांधी को बहुत पहले भूल चुके हैं. गांधीवाद से उन्हें यदि सचमुच कोई लगाव होता तो माओ-लेनिन के हिंसक सिद्धातों में भरोसा रखने वाले वामदलों से गठबंधन नहीं करते.