किसान नेता राकेश टिकैत बोले, सरकार ने कंटीले तार लगाकर हमारी भावनाओं को भड़काने का काम किया है

By भाषा | Published: March 1, 2021 08:09 AM2021-03-01T08:09:27+5:302021-03-01T08:11:45+5:30

किसान नेता राकेश टिकैत बोले कि सरकार किसानों से बातचीत करने के बजाय अपमानित करने का काम कर रही है। तिरंगे को लेकर सरकार ने देश के किसानों का अपमान किया है जबकि वास्तविकता यह है कि तिरंगे का सबसे ज्यादा सम्मान गांव के लोग करते हैं।

Farmer leader Rakesh Tikait said, the government has worked to provoke our feelings by putting barbed wire. | किसान नेता राकेश टिकैत बोले, सरकार ने कंटीले तार लगाकर हमारी भावनाओं को भड़काने का काम किया है

किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो)

Highlightsराकेश टिकैत ने कहा कि सरकार यह बात समझ ले कि किसान गेहूं की कटाई भी करेगा और आंदोलन भी करेगा।राकेश टिकैत ने कहा कि व्यापारी नुकसान होने पर अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर चला जाता है, लेकिन किसान उसी जमीन पर पसीना बहाता है।

सहारनपुर:  भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्टीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि जब तक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य)पर कानून नहीं बनेगा और नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। 

साथ ही राकेश टिकैत ने केन्द्र की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने किसान के आगे कंटीले तार लगाकर किसान की भावनाओं को भड़काने का काम किया है, यही नहीं तिरंगे के लिये भी सरकार ने किसानों का अपमान किया है जबकि वास्तविकता यह है कि तिरंगे का सबसे ज्यादा सम्मान गांव के लोग करते हैं।

किसान अपनी जमीन को औलाद की तरह प्यार करता है: राकेश टिकैत

टिकैत ने यह बात रविवार को सहारनपुर जिले के नागल मार्ग स्थित लाखनौर गांव में किसानों की महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा जिस तरीके से पहले गोदाम बनाये गये और बाद मे कानून बनाया गया, वह किसानो के साथ धोखा है। राकेश टिकैत बोले कि विपक्ष की मजबूती पर अपने विचार व्यक्त करते हुए टिकैत ने कहा कि विपक्ष का मजबूत होना बहुत जरूरी है, यदि विपक्ष मजबूत होता तो केन्द्र सरकार किसान विरोधी कृषि कानून लागू नहीं कर पाती। टिकैत ने कहा,‘‘किसान अपनी जमीन को औलाद की तरह प्यार करता है फिर वह कैसे अपनी जमीन को बड़ी कम्पनियो के हाथों में सौंप सकता है?’’

'व्यापारी नुकसान होने पर शहर छोड़कर चला जाता है, लेकिन किसान उसी मिट्टी पर पसीना बहाता है'

उन्होंने कहा, ‘‘ खेती में घाटा होने के बावजूद किसान अपनी जमीन पर पसीना बहाते हुए खेती करता है जबकि व्यापारी नुकसान होने पर अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर मे जाकर व्यापार करने लगता है, अपना व्यापार बदल लेता है लेकिन किसान सिर्फ खेती ही करता है और उसका परिवार उसी खेती पर टिका होता है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को भ्रम है कि किसान गेंहु की कटाई मे लग जायेगा लेकिन सरकार यह बात समझ ले कि किसान गेहूं की कटाई भी करेगा और आंदोलन भी करेगा। टिकैत ने कहा कि किसान सरकार से संशोधन नहीं चाहता बल्कि नये कृषि कानून की समाप्ति चाहता है,जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। 

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: Farmer leader Rakesh Tikait said, the government has worked to provoke our feelings by putting barbed wire.

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे