धरना वापस लेने के बाद अगर सरकार ने केस वापस नहीं लिए तो... केंद्र के प्रस्ताव पर बोले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी
By अनिल शर्मा | Published: December 8, 2021 03:43 PM2021-12-08T15:43:18+5:302021-12-08T15:46:56+5:30
उधर, प्रदर्शनरत किसानों की शेष मांगों पर सरकार के साथ संवाद के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने बुधवार को कहा कि किसान संघ एक प्रस्ताव को लेकर आशावान है और उस पर आगे बढ़ रहा है।
नयी दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्वात पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि सरकार जब तक किसानों की सभी मांगें नहीं मान लेती तब तक धरना खत्म नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि बुधवार को सरकार ने नया मसौदा भेजा था जिसमें किसानों पर से केस वापसी को लेकर नरम रुख अपनाया है। हालांकि किसानों को इसपर भी संदेह है। गुरनाम सिंह ने कहा, अगर हम धरना वापस ले लेते हैं और सरकार किसानों के खिलाफ दर्ज केस लेने से मना कर देती है तो हम फंस जाएंगे।" चढूनी ने साफ साफ कहा कि सरकार को केस वापसी की टाइमलाइन का ऐलान करना चाहिए।
उधर, प्रदर्शनरत किसानों की शेष मांगों पर सरकार के साथ संवाद के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने बुधवार को कहा कि किसान संघ एक प्रस्ताव को लेकर आशावान है और उस पर आगे बढ़ रहा है। यहां समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि उन्होंने केंद्र से मिले एक नए प्रस्ताव पर चर्चा की है।
Farmers' protests will continue until after Govt accepts all of our demands... It would be problematic for us if we withdraw our protest, but they don't take back the cases. Govt should announce a timeline for the withdrawal of cases: Farmer leader Gurnam Singh Charuni in Delhi pic.twitter.com/sYRbsZFbqB
— ANI (@ANI) December 8, 2021
गौरतलब है कि एसकेएम ने मंगलवार को कहा था कि उसने आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध करने वाले सरकार के प्रस्ताव का जवाब दिया है, जिसमें कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसमें किसानों पर दर्ज ‘‘फर्जी’’ मामले वापस लेने के लिए पूर्व शर्त पर भी स्पष्टीकरण मांगा है।