दुखद: नहीं रहे प्रसिद्ध साहित्यकार, चित्रकार और पत्रकार प्रभु जोशी, साहित्य जगत में शोक की लहर
By मुकेश मिश्रा | Published: May 4, 2021 05:26 PM2021-05-04T17:26:31+5:302021-05-04T17:26:31+5:30
Prabhu Joshi passed away due to coronavirus: प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक, विचारक, पत्राकार और फिल्मकार प्रभु जोशी के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है। दूरदर्शन के कार्यक्रम अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त जोशी कहानी, लेख और कला समीक्षा समेत साहित्य की कई विधाओं में रचना कर्म करते थे।
Prabhu Joshi passed away due to coronavirus: कोरोना महामारी से देश के प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक, विचारक, पत्राकार और फिल्मकार प्रभु जोशी का मंगलवार को इंदौर में निधन हो गया। वे।पिछले कुच दिनों से कोरोना से संक्रमित थे। घर पर ही इलाज चल रहा था। तबीयत बिगड़ने पर जब तक अस्पताल ले जाया जाता उनकी मृत्यु हो चुकी थी। उनके निधन की खबर फैलते ही साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई। कोविड प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया।
जोशी के बेटे पुनर्वसु ने बताया, "मेरे पिता कोरोना वायरस से संक्रमित थे। अचानक सांस लेने में दिक्कत होने पर हमने घर में ही उन्हें सिलेंडर से ऑक्सीजन देनी शुरू कर दी।" उन्होंने बताया, "कई प्रयासों के बाद हमें बड़ा गणपति चौराहा के पास एक अस्पताल में उनके लिए बिस्तर मिला। लेकिन इससे पहले कि उन्हें अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया जाता, उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।"
प्रभु जोशी जी का जन्म 12 दिसम्बर 1950 देवास (मध्य प्रदेश) के राँवा गाँव में हुआ था। उन्होंने जीवविज्ञान में स्नातक तथा रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर के उपरांत अंग्रेज़ी साहित्य में भी प्रथम श्रेणी में एम.ए. पास कर अंग्रेज़ी की कविता स्ट्रक्चरल ग्रामर पर विशेष अध्ययन किया था। उनकी पहली कहानी 1973 में धर्मयुग में 'किस हाथ से', 'प्रभु जोशी की लंबी कहानियाँ' तथा उत्तम पुरुष' कथा संग्रह प्रकाशित हुई थी ।
यही नही उन्होंने नई दुनिया के संपादकीय तथा फ़ीचर पृष्ठों का पाँच वर्ष तक संपादन भी किया । श्री जोशी की हिंदी और अंग्रेजी की कहानियाँ कई पत्र-पत्रिकाओं में हुआ। बचपन से ही वे चित्रकारी में रुचि रखते थे। उनके कई चित्र लिंसिस्टोन, हरबर्ट तथा आस्ट्रेलिया के त्रिनाले में प्रदर्शित हुए। गैलरी फॉर केलिफोर्निया (यू॰एस॰ए॰) का जलरंग हेतु थामस मोरान अवार्ड मिला।
ट्वेंटी फर्स्ट सेन्चरी गैलरी, न्यूयार्क के टॉप सेवैंटी में शामिल रहे। भारत भवन का चित्रकला तथा म. प्र. साहित्य परिषद का कथा-कहानी के लिए अखिल भारतीय सम्मान से भी नवाज़े गए साहित्य के लिए म. प्र. संस्कृति विभाग द्वारा गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप से उन्हें सम्मानित किया गया था।
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