प्रसिद्ध इतिहासकार लाल बहादुर वर्मा का कोरोना से निधन, देहरादून के अस्पताल में थे भर्ती
By अरविंद कुमार | Published: May 17, 2021 03:19 PM2021-05-17T15:19:33+5:302021-05-17T15:22:28+5:30
लाल बहादुर वर्मा 83 साल के थे और कोरोना से ग्रस्त होने के बाद उनका इलाज पिछले कुछ दिनों से चल रहा था। उनकी किडनी भी इलाज के दौरान प्रभावित हो गई थी।
नई दिल्ली: प्रसिद्ध इतिहासकार लाल बहादुर वर्मा का कोरोना के कारण देहरादून के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और एक पुत्री है।
मशहूर फ्रेंच इतिहासकार रेम्यों एरोन के शिष्य लाल बहादुर वर्मा कुछ दिनों से कोरोना से ग्रस्त थे और उनका इलाज चल रहा था। उनकी किडनी भी प्रभावित हो गई थी। उनका निधन सोमवार तड़के तीन बजे के करीब हुआ और उनका अंतिम भी संस्कार कर दिया गया।
बिहार के छपरा जिले में 10 जनवरी,1938 को जन्मे प्रो. वर्मा ने प्रारंभिक शिक्षा आनंदनगर, गोरखपुर से प्राप्त की। गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक, लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और गोरखपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधियां उन्होंने प्राप्त की। वर्मा गोरखपुर विश्विद्यालय में इतिहास के अध्यापक थे।
वे बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग में 1991 से 1998 तक अध्यापन करते रहे।
वे इतिहास बोध पत्रिका के संपादक भी थे और विश्व इतिहास तथा यूरोप इतिहास पर कई किताबें लिख चुके थे। 'इतिहास के बारे में' शीर्षक से भी उनकी एक किताब बहुत चर्चित हुई थी। लाल बहादुर वर्मा सामाजिक आंदोलनों मे सक्रिय थे और सांस्कृतिक मोर्चे पर काम करते थे।
उनकी आत्मकथा दो खंडों में प्रकाशित हुई थी। उन्होंने गोरखपुर से सत्तर के दशक में भंगिमा पत्रिका भी निकाली थी। जनवादी लेखक संघ और जनसंस्कृती मंच ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।