Fake TRP Case: उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, समन पर पेश नहीं हुए रिपब्लिक टीवी के सीएफओ
By भाषा | Published: October 10, 2020 02:59 PM2020-10-10T14:59:55+5:302020-10-10T14:59:55+5:30
अधिकारी ने बताया कि रिपब्लिक टीवी के सीएफओ शिव सुब्रमण्यम सुंदरम ने पुलिस से उनका बयान दर्ज नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि शीर्ष अदालत की सुनवाई एक सप्ताह के भीतर शुरू होनी है। सुंदरम को शुक्रवार को समन जारी किया गया था।
मुंबईः टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) हेरफेर रैकेट के सिलसिले में सम्मन जारी किए जाने के बाद रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) शनिवार को मुंबई पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुए और उन्होंने कहा कि चैनल ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिपब्लिक टीवी के सीएफओ शिव सुब्रमण्यम सुंदरम ने पुलिस से उनका बयान दर्ज नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि शीर्ष अदालत की सुनवाई एक सप्ताह के भीतर शुरू होनी है। सुंदरम को शुक्रवार को समन जारी किया गया था।
उन्होंने बताया कि मैडिसन वर्ल्ड और मैडिसन कम्युनिकेशन्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सैम बलसारा अपना बयान दर्ज कराने के लिए शनिवार को अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए। मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने सुंदरम के खिलाफ समन जारी किया था। उन्हें शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे जांच के लिए पेश होने को कहा गया था।
अधिकारी ने कहा, ‘‘वह जांच टीम के समक्ष पेश नहीं हुए। उन्होंने पुलिस को बताया कि चैनल ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और इस मामले में एक सप्ताह में सुनवाई होगी। उन्होंने इसका हवाला देते हुए अनुरोध किया कि पुलिस उनका बयान दर्ज नहीं करे।’’ सुंदरम को जारी सम्मन में कहा गया है कि इस बात पर भरोसा करने का उचित आधार है कि वह ‘‘मामले से जुड़े कुछ तथ्यों एवं परिस्थितियों से वाकिफ थे और उनका पता लगाए जाने की आवश्यकता है।’’
मुंबई अपराध शाखा की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) फर्जी टीआपी रैकेट की जांच कर रही है। अधिकारी ने बताया कि सुंदरम के अलावा, पुलिस ने मराठी चैनलों `फक्त मराठी’ और `बॉक्स सिनेमा`के एकाउंटेंट और कुछ विज्ञापन एजेंसियों के लोगों को भी तलब किया।
पुलिस ने इस मामले में बृहस्पतिवार को फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने दावा किया कि रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों ने टीआरपी में हेरफेर किया है। पुलिस ने बताया कि इस रैकेट का खुलासा तब हुआ, जब टीआरपी मापने वाले संगठन बार्क ने हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई।