फर्जी टीआरपी कांडः रिपब्लिक टीवी समेत 3 चैनलों पर TRP खरीदने का आरोप, जानें अब आगे क्या होगा

By गुणातीत ओझा | Published: October 8, 2020 08:42 PM2020-10-08T20:42:12+5:302020-10-08T20:42:12+5:30

मुंबई पुलिस ने फेक टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया है। मुंबई पुलिस का कहना है कि रिपब्लिक टीवी समेत 3 चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीद रहे थे।

Fake TRP case: Accused of buying TRP on 3 channels including Republic TV know what will happen next | फर्जी टीआरपी कांडः रिपब्लिक टीवी समेत 3 चैनलों पर TRP खरीदने का आरोप, जानें अब आगे क्या होगा

फेक टीआरपी कैसे का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार।

Highlightsमुंबई पुलिस ने फेक टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया है।मुंबई पुलिस का कहना है कि रिपब्लिक टीवी समेत 3 चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीद रहे थे।

पैसे देकर टीआरपी खरीदने का मामला गहराता जा रहा है। मुंबई पुलिस ने साफ कर दिया है कि फेक टीआरपी के खेल में कई बड़े नाम शामिल हैं। मुंबई पुलिस ने रैकेट का भंडाफोड़ कर स्पष्ट रूप से कहा है कि रिपब्लिक टीवी समेत 3 चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीदने में संलिप्त थे। मामले का खुलासा करते हुए मुंबई पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। आगे की कार्रवाई में इन चैनलों को जांच से होकर गुजरना होगा। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 और 420 के तहत कार्रवाई की जा रही है। 

टीआरपी रेस और रिपब्लिक टीवी

न्यूज चैनल्स की टीआरपी रेस में रिपब्लिक टीवी पिछले कुछ हफ्तों से शीर्ष पर बना हुआ है। उसने आज तक चैनल की 15 साल की बादशाहत भी छीन ली है। रिपब्लिक की इस रेटिंग को देखकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे। अब मुंबई पुलिस का बयान आया है कि वो टीआरपी की हेरफेर को लेकर रिपब्लिक टीवी समेत तीन चैनलों की जांच कर रही है। 

मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने बताया कि इस मामले में अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें एक पीपल मीटर लगाने वाली एजेंसी का एक पूर्व कर्मचारी है। उन्होंने कहा कि रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों, जो न्‍यूज चैनल्‍स में सर्वोच्‍च टेलीविजन रेटिंग प्‍वाइंट्स (TRP) का दावा कर रहे है, उनको आज या कल समन किया जाएगा। इस मामले में पुलिस कमिश्नर ने सीधे तौर पर रिपब्लिक टीवी को आरोपी मानते हुए कहा कि उसने पैसे देकर रेटिंग बढ़ाई। उन्होंने कहा कि पुलिस के खिलाफ प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा था। 

क्या है IPC की धारा 420?

इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 की कार्रवाई हुई है। दोनों आरोपियों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। अगर कोई भी किसी शख्स को धोखा दे, बेईमानी से किसी भी व्यक्ति को कोई भी संपत्ति दे या ले या किसी बहुमूल्य वस्तु या उसके एक हिस्से को धोखे से खरीदे-बेचे या उपयोग करे या किसी भी हस्ताक्षरित या मुहरबंद दस्तावेज़ में परिवर्तन करे, या उसे बनाए या उसे नष्ट करे या ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित करे तो वह भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के अनुसार दोषी माना जाता है। इस धारा के तहत कार्रवाई होने के बाद आरोपी पर अगर दोष सिद्ध होता है तो किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जा सकती है, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही दोषी पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है। या फिर दोनों ही सजा से दंडित किया जा सकता है। यह एक गैर-जमानती अपराध है, जिसकी सुनवाई कोई भी न्यायाधीश कर सकते हैं। ऐसे अपराध में दोनों पक्ष राजी हुए तो समझौता भी हो सकता है। 

क्या है आईपीसी की धारा 409?

धारा 409 की कार्रवाई किसी लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता के विश्वास का आपराधिक हनन करने पर की जाती है। इस धारा के अनुसार जो भी कोई लोक सेवक के नाते अथवा बैंक कर्मचारी, व्यापारी, फैक्टर, दलाल, अटॉर्नी या अभिकर्ता के रूप में किसी प्रकार की संपत्ति से जुड़ा हो या संपत्ति पर कोई भी प्रभुत्व होते हुए उस संपत्ति के विषय में विश्वास का आपराधिक हनन करता है, उसे दोषी करार दिया जा सकता है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है, जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जा सकता है। यह एक गैर-जमानती अपराध है।

Web Title: Fake TRP case: Accused of buying TRP on 3 channels including Republic TV know what will happen next

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