बीजेपी के पडालकर ने शरद पवार को कोरोना बताया, एनसीपी ने किया पलटवार
By निखिल वर्मा | Published: June 25, 2020 02:58 AM2020-06-25T02:58:53+5:302020-06-25T03:02:40+5:30
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि शरद पवार पर टिप्पणी सही है और यह भावनाओं में बहकर की गई थी.
बीजेपी के महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडालकर ने बुधवार को कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार 'कोरोना' हैं, जिन्होंने महाराष्ट्र को संक्रमित किया है। इस पर सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक एनसीपी ने तीखा पलटवार किया। एनसीपी ने पडालकर के आपत्तिजक बयान को लेकर भाजपा पर पलटवार किया और कहा कि रोज विपक्षी दल के नेता कुछ न कुछ ऐसा बयान देते रहते हैं जिसे, बेहतर है कि गंभीरता से नहीं लिया जाए।
पडालकर ने धनगर समुदाय के लिए आरक्षण के लंबित मुद्दे पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया। धनगर समुदाय से संबद्ध पडालकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा,'' मेरे हिसाब से शरद पवार एक ऐसे कोरोना हैं जिन्होंने राज्य को संक्रमित किया है। पवार ने हमेशा ऐसे कदम उठाए जिनसे आम लोगों की समृद्धि प्रभावित हुई।''
उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि वह धनगर आरक्षण को लेकर सकारात्मक हैं।'' महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने पवार पर पडालकर के हमले को लेकर भाजपा की निंदा की और कहा कि ऐसे बयानों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। एक अन्य एनसीपी नेता और सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि पडालकर की मंशा पवार जैसे कद्दावर नेता की आलोचना करके राजनीति में चर्चा में बने रहना है। इस बीच बीड़, मध्य महाराष्ट्र में राकांपा की युवा शाखा के सदस्यों ने पडालकर के खिलाफ प्रदर्शन किया।
पडलकर ने भावनाओं में बहकर की पवार के खिलाफ टिप्पणी : फड़नवीस
बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फड़नवीस ने बुधवार को कहा कि पार्टी के विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडालकर ने एनसीपी प्रमुख और अनुभवी नेता शरद पवार पर जो टिप्पणी की वह समुचित नहीं है और भावनाओं में बहकर की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोलापुर में कहा, ''वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करना समुचित नहीं है। मैंने पडालकर से बात की है। मैंने उनसे कहा कि, हालांकि पवार हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन वह हमारे दुश्मन नहीं हैं। पवार को भूल भी जाओ तो किसी भी वरिष्ठ नेता के खिलाफ ऐसी टिप्प्णी करना समुचित नहीं है।''
उन्होंने कहा,''अगर कोई अपना विरोध दर्ज कराना चाहता है तो उसके लिए उचित शब्दों का चयन और उपयोग करना चाहिए। पडालकर ने स्वीकार किया कि उन्होंने भावना में बहकर यह टिप्पणी की। पडालकर ने कहा है कि वह इस पर स्पष्टीकरण देंगे। सभी दलों के युवा नेताओं को बोलते वक्त संयम बरतना चाहिए।''