48 साल के हुए योगी आदित्यनाथ, संन्यासी से कैसे बने सीएम, जानें योगी के बारे में सबकुछ
By गुणातीत ओझा | Published: June 5, 2020 09:30 AM2020-06-05T09:30:14+5:302020-06-05T09:30:14+5:30
राजपूत परिवार में जन्मे योगी आदित्यनाथ का नाम परिजनों ने अजय सिंह बिष्ट रखा था। 22 साल की उम्र में सांसारिक मोह माया त्याग कर संन्यासी बने साथ ही नाम परिवर्तन कर अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बने। इसके बाद योगी आदित्यनाथ का जीवन जनसेवक के रूप में शुरू हुआ।
नई दिल्ली। आज पांच जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है। वे अब 48 साल के हो गए हैं। इस मौके पर तमाम नेताओं और उनके चाहने वालों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी है। योगी आदित्यनाथ का जन्म पांच जून 1972 को उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी जिले के छोटे से गांव पंचूर में हुआ था। राजपूत परिवार में जन्मे योगी आदित्यनाथ का नाम परिजनों ने अजय सिंह बिष्ट रखा था। 22 साल की उम्र में सांसारिक मोह माया त्याग कर संन्यासी बने साथ ही नाम परिवर्तन कर अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बने। इसके बाद योगी आदित्यनाथ का जीवन जनसेवक के रूप में शुरू हुआ। उन्हें गोरखपुर के गोरक्षपीठ का पीठाधीश्वर बनाया गया। उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी बनाई। मात्र 26 साल की उम्र में ही योगी ने संसद पहुंचने का गौरव हासिल कर लिया। आज वे देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। योगी आदित्यनाथ के जीवन का अभी तक का सफर दिलचस्प रहा है। उनके जन्मदिन के मौके पर आइये आपको आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़ी मुख्य बातें...
पंचूर गांव में जन्म
5 जून 1972 को पौड़ी जिले के पंचूर गांव में जन्मे योगी आदित्यनाथ ने शुरुआती शिक्षा स्थानीय स्कूल से ली। उन्होंने कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की डिग्री हासिल की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने एबीवीपी से नाता जोड़ लिया।
ऐसे पहुंचे गोरखपुर
एमएससी की पढ़ाई करते हुए योगी आदित्यनाथ 1993 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गए। यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर उन पर पड़ी। योगी आदित्यनाथ के व्यक्तित्व से महंत अवैद्यनाथ इतने प्रभावित हुए कि उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
बन गए संन्यासी
1994 में योगी आदित्यनाथ सांसारिक मोहमाया छोड़कर संन्यासी बन गए। 1994 में ही उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से बदलकर योगी आदित्यानाथ कर दिया गया।
पहले ही चुनाव में मिली जीत
1998 में योगी आदित्यनाथ ने 26 साल की उम्र में भाजपा के टिकट पर गोरखपुर से चुनाव लड़े। अपने पहले ही चुनाव में उन्हें जीत मिसी। 1999 में योगी आदित्यनाथ फिर चुनाव लड़े और इस बार जनता ने उन्हें भारी मतों से जिताया। यहां से योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा में कदम रखा। इस जीत के बाद योगी आदित्यनाथ लगातार वर्ष 2004, 2009 और 2014 में गोरखपुर से सांसदी का चुनाव जीतते रहे।
हिन्दू युवा वाहिनी का जन्म
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके थे। उनकी छवि हिंदूवादी नेता बनने लगी। इसी बीच वर्ष 2002 में उन्होंने 'हिन्दू युवा वाहिनी' नाम का संगठन बनाया।
दंगों में योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया
योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। वर्ष 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए और इन दंगों में योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया। उनकी गिरफ्तारी हुई और इस पर देशभर में बवाल भी मचा।
जानलेवा हमला हुआ
अगले ही साल यानी वर्ष 2008 में योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला हुआ। करीब सौ लोगों की हिंसक भीड़ ने उन्हें घेर लिया था और वे किसी तरह वहां से बचकर निकले। उनके उपर हमले को लेकर हिंदू युवा वाहिनी ने प्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया।
2 लाख के अंतर से जीते चुनाव
2009 में फिर उन्होंने लोकसभा चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की। 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतने वाले योगी आदित्यनाथ का जीत सिलसिला अब भी जारी है। 2014 में वे पांचवीं बार सांसद चुने गए और इस बार भी जीत का अंतर दो लाख से ज्यादा का था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा जब सत्ता में लौटी तो योगी का कद बहुत ज्यादा बढ़ गया। चुनाव से पहले सीएम पद के लिए योगी के नाम की चर्चा तक नहीं थी, लेकिन अचानक पार्टी ने उनका नाम प्रस्तावित किया। आज योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के सीएम हैं।