Highlightsजांच के दौरान InVID टूल और उपयुक्त कीवर्ड का उपयोग करके सर्च करने पर हमें 30 जून, 2019 को एक ट्विटर यूजर द्वारा अपलोड किया गया वीडियो दिखा।वीडियो में यह देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक स्टेडियम के गैलरी से नारे लगा रहे हैं।फैक्ट चेक में इस वीडियो की सच्चाई सामने आते ही साफ हो गया कि इस वीडियो का किसान आंदोलन से कोई लेनादेना नहीं है।
नई दिल्ली: केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून के विरोध में पंजाब व हरियाणा के हजारों किसान राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने के लिए सिंघु बॉर्डर तक पहुंच गए हैं। दिल्ली में एंट्री के लिए हजारों किसानों का ये जत्था अपना रास्ता बनाने की कोशिश कर रहा है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित कई राजनेताओं ने किसानों के आंदोलन में खालिस्तानी अलगाववादियों की उपस्थिति का आरोप लगाया है। भाजपा के कई नेता किसानों के इस आंदोलन को खालिस्तानी अलगाववादियों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के एक और यूजर द्वारा साझा किए गए वीडियो का अर्काइव वर्जन यहां भी देख सकते हैं।
क्या है पूरा मामला समझते हैं-
इंडिया टुडे रिपोर्ट के अनुसार, किसान आंदोलन से जोड़कर सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं, जिसमें खालिस्तान समर्थक, पाकिस्तान समर्थक और मोदी विरोधी नारे लगाने वाले पुरुषों के एक समूह दिख रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि यह किसानों के आंदोलन के दौरान का एक दृश्य है। वीडियो में खालिस्तान के समर्थन में कुल लोग नारे लगाते हुए दिख रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि पगड़ी बांधे लोगों जिनमें से कुछ पगड़ी पहने हुए हैं, पाकिस्तानी झंडे और खालिस्तानी बैनर पकड़े हुए हैं।
किसानों के आंदोलन के विरोख में सोशल मीडिया पर इस 15 सेकंड के वीडियो को साझा करते हुए एक यूजर ने लिखा है कि मोदी विरोधी नारे लगाते हुए समझा जा सकता है, लेकिन पाकिस्तान और खालिस्तान के पक्ष में नारे क्यों? क्या यह किसानों का विरोध या खालिस्तानी आतंक है?
क्या है मामले की सच्चाई?
सोशल मीडिया पर इस तरह के दावे के साथ साझा हो रहे वीडियो और भाजपा नेताओं के दावे को देखते हुए हमने इस वीडियो का फैक्ट चेक करने का फैसला किया। जांच के दौरान InVID टूल और उपयुक्त कीवर्ड का उपयोग करके सर्च करने पर हमें 30 जून, 2019 को एक ट्विटर यूजर द्वारा अपलोड किया गया इस तरह का एक वीडियो दिखा। वीडियो में यह देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक स्टेडियम के गैलरी से नारे लगा रहे हैं।
इस पर एक नज़र डालते हुए, हमने इंटरनेट पर और अधिक सर्च की और एएनआई द्वारा अपने आधिकारिक YouTube चैनल पर अपलोड की गई रिपोर्ट में बिल्कुल वही वीडियो पाया। वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि यूके (ब्रिटेन) में सिख विश्व कप मैचों के दौरान खालिस्तान समर्थन में नारे लगाते दिख रहे हैं।
इस तरह साफ हो गया कि ANI के इस वीडियो के अनुसार, कुछ सिखों ने पाकिस्तान के प्रशंसकों के साथ यूके में ICC विश्व कप 2019 मैचों के दौरान खालिस्तान समर्थक और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए थे।
निष्कर्ष में हमने क्या पाया?
बता दें कि इस मामले की सच्चाई जांचने के दौरान साफ हो गया कि इस वीडियो का किसानों के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। सोशल मीडिया पर किसानों के आंदोलन से जोड़कर साझा किए जा रहे इस वीडियो के कैप्शन में किया गया दावा बिल्कुल गलत और भ्रामक है। यह पिछले साल का और ब्रिटेन का वीडियो है, जिसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।
Web Title: Fact Check: no False claim, Punjab farmers not raised slogans Khalistan Zindabad during protest
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