Fact Check: दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन को दबाने के लिए सेना बुलाया गया? जानें सच्चाई
By अनुराग आनंद | Published: December 12, 2020 02:33 PM2020-12-12T14:33:53+5:302020-12-12T14:37:14+5:30
सोशल मीडिया पर दावा किया कि किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने दिल्ली में सेना को उतार दिया है।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली से सटे बॉर्डर पर पिछले ढाई सप्ताह से भी अधिक समय से किसानों का आंदोलन हो रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों को प्रस्ताव भेजकर साफ कर दिया है कि सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेने वाली है। सरकार ने कुछ एक संशोधन की बात कही। लेकिन, किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए आंदोलन को तेज करने की धमकी दी है।
इस बीच सोशल मीडिया पर तरह-तरह के पोस्ट साझा किए जा रहे हैं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने दिल्ली में सेना को उतार दिया है। आइए जानते हैं कि इस वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है?
जानें क्या है पूरा मामला?
दिल्ली से सटे बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन को लेकर 'HINDUSTAN LIVE FARHAN YAHIYA' नाम के एक यूट्यूब चैनल ने 9 दिसंबर को एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया था कि 'रात किसान आंदोलन को कुचलने के लिए सेना को बुलाने की भीम सेना प्रमुख की Video से चंद घंटों में खलबली' इसी वीडियो को ट्विटर पर साझा करते हुए एक यूजर ने दावा किया कि आंदोलन को दबाने के लिए सरकार कुछ नया प्लैन कर रही है।
इसके अलावा, इसी वीडियो को व्हाट्सएप के माध्यम से भी कुछ लोग साझा कर रहे हैं। वीडियो को साझा करते हुए लोग दावा कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए दिल्ली में सेना को बुलाया है।
सच्चाई क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए, सेना को बुलाया गया है।#PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। यह सैनिकों की नियमित आवाजाही का एक वीडियो है और किसान प्रदर्शन के साथ इसका कोई भी सम्बंध दुर्भावनापूर्ण और गलत है। pic.twitter.com/R2ZX69otHt
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 11, 2020
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए, सेना को बुलाया गया है।#PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। यह सैनिकों की नियमित आवाजाही का एक वीडियो है और किसान प्रदर्शन के साथ इसका कोई भी सम्बंध दुर्भावनापूर्ण और गलत है। pic.twitter.com/R2ZX69otHt
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 11, 2020इस वीडियो के सोशल मीडिया पर फैलते ही इस संबंध में सरकार की तरफ से सफाई दी गई है। सरकारी संस्था पीआईबी फैक्टचेक ने व्हाट्सएप में व दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा हो रहे इस वीडियो के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि यह वीडियो और इसको साझा कर किया जा रहा दावा गलत है।