BJP सांसदों ने स्पीकर ओम बिरला को लिखा खत, कहा- फेसबुक विवाद के बाद शशि थरूर छोड़ें संसद पैनल प्रमुख का पद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 20, 2020 08:17 PM2020-08-20T20:17:07+5:302020-08-20T20:17:07+5:30
फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ। इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था।
नई दिल्ली: फेसबुक-बीजेपी विवाद को लेकर शशि थरूर के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई सांसदों ने लोकसभा के स्पीकर को खत लिखा है। स्पीकर ओम बिरला को लिखे गए इस पत्र में बीजेपी सांसदों ने शशि थरूर को आईटी मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से हटाए जाने की मांग की है। शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख हैं। फेसबुक को लेकर जारी ताजा विवाद के मद्देनजर शशि थरूर ने कहा था सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समित इस सोशल मीडिया कंपनी से इस विषय पर जवाब मांगेगी।
निशिकांत दूबे सहित समिति में शामिल एनडीए के कई सदस्यों ने इसका विरोध किया है। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई है कि शशि थरूर ने यह मुद्दा समिति के सदस्यों के सामने रखे बिना इसपर सार्वजनिक बयान दिया है।
बीजेपी सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने कहा- बैठक की विषय-वस्तु क्या होगी, इस बारे में बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बाद अब पार्टी के ही एक अन्य सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने आज (20 अगस्त) को कहा, किसे बुलाया जाना है और बैठक की विषय-वस्तु क्या होगी, इस बारे में बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है और लोकसभा की प्रक्रियाओं का उल्लंघन है। सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष का मीडिया में पहले बोलने की तत्परता समिति के सदस्यों के अलावा समिति की कार्यप्रणाली को भी कमजोर करती है।
राठौर भी इस समिति के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राठौर का कहना है कि समिति के सदस्यों के लिए यह मुद्दा नहीं है कि समिति किसे बुलाती है। देश के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए समिति चाहे जिसे बुलाए लेकिन इससे पहले इस बारे में समिति में चर्चा होनी चाहिए।
जानिए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने क्या कहा?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उन्हें समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है। बिरला को लिखे पत्र में नियमों का हवाला देते हुए दुबे ने उनसे आग्रह किया है कि वह थरूर के स्थान पर किसी दूसरे सदस्य को समिति का अध्यक्ष नियुक्त करें। थरूर को आड़े हाथों लेते हुए दुबे ने आरोप लगाया, विदेशी लहजे के साथ ‘स्पेंसेरियन’ अंग्रेजी बोलना किसी व्यक्ति को इस बात की छूट नहीं देता कि वह न सिर्फ हमारे महान संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षओं की पूर्ति करे बल्कि हमारे संविधान का भी दुरूपयोग करे।
निशिकांत दुबे ने अपने पत्र में लिखा, शशि थरूर का अपने पद पर बने रहना और समिति की कार्यवाही को नियंत्रित करना बहुत बेहद अनुचित होगा। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप डाक्टर थरूर को (पद से) हटने के लिए मनाएं और उसके बाद किसी दूसरे सदस्य को समिति के अध्यक्ष का काम सौंपे।
जानिए क्या है बीजेपी और फेसबुक से जुड़ा पूरा मामला
फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से प्रकाशित खबर के बाद आरंभ हुआ। इस खबर में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक बीजेपी विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था।
इसके बाद शशि थरूर और निशिकांत दुबे के बीच ट्विटर पर जबदरदस्त वाकयुद्ध चला। बाद में शशि थरूर ने फेसबुक से जुड़े विवाद को लेकर कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समिति इस सोशल मीडिया कंपनी से इस विषय पर जवाब मांगेगी। दुबे ने उनके इस बयान पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में थरूर और निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को एक दूसरे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)