भारत को फाइटर प्लेन एफ-21 देने के लिए अमेरिका तैयार, अनुबंध मिलने पर दूसरों देशों को नहीं बेचेगा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 14, 2019 08:06 AM2019-05-14T08:06:14+5:302019-05-14T08:06:14+5:30

लॉकहीड मार्टिन के लिए रणनीतिक एवं कारोबार विकास के उपाध्यक्ष विवेक लाल ने कहा कि अगर एफ-21 का अनुबंध मिला तो भारत कंपनी के वैश्विक लड़ाकू विमानों के तंत्र का हिस्सा होगा जो कि 165 अरब डॉलर का बाजार है। 

F-21 jets will not be sold to any other country if we get IAF contract: Lockheed | भारत को फाइटर प्लेन एफ-21 देने के लिए अमेरिका तैयार, अनुबंध मिलने पर दूसरों देशों को नहीं बेचेगा

भारत को फाइटर प्लेन एफ-21 देने के लिए अमेरिका तैयार, अनुबंध मिलने पर दूसरों देशों को नहीं बेचेगा

अमेरिकी विमान कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने कहा है कि अगर भारत की ओर से 114 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए उसे नए एफ-21 लड़ाकू विमानों का अनुबंध मिलता है तो दूसरे देशों को इनकी बिक्री नहीं की जाएगी। व्यापक स्तर पर खरीदारी सौदे के लिए अमेरिकी,यूरोपीय और रूसी कंपनियों से स्पर्धा के पहले विमान कंपनी ने इस तरह की पेशकश की है। 

लॉकहीड मार्टिन के लिए रणनीतिक एवं कारोबार विकास के उपाध्यक्ष विवेक लाल ने कहा कि अगर एफ-21 का अनुबंध मिला तो भारत कंपनी के वैश्विक लड़ाकू विमानों के तंत्र का हिस्सा होगा जो कि 165 अरब डॉलर का बाजार है। 

लाल ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि नये लड़ाकू विमान को भारत में वायु सेना के 60 से ज्यादा स्टेशनों से परिचालन के लिए डिजाइन किया गया है और इसके महत्वपूर्ण पहलुओं में सुपीरियर इंजन मैट्रिक्स, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक क्षमता और आयुध ढोने की क्षमता शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस प्लेटफार्म और संरचना को दुनिया में किसी और को नहीं बेचेंगे। 

लॉकहीड मार्टिन की तरफ से यह महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता है और यह भारत की महत्ता तथा भारत की अनूठी जरूरतों को रेखांकित करता है।’’ पिछले महीने वायु सेना ने करीब 18 अरब डॉलर की लागत से 114 लड़ाकू विमान खरीद के लिए आरएफआई (सूचना के लिए अनुरोध) या शुरूआती निविदा जारी की थी। इसे हालिया वर्षों में सेना की सबसे बड़ी खरीद के तौर पर देखा जा रहा है। 

सौदे के शीर्ष दावेदारों में लॉकहीड का एफ-21, बोइंग का एफ/ए-18, दसॉल्ट एविएशन का राफेल, यूरोफाइटर टायफून, रूसी लड़ाकू विमान मिग 35 और साब का ग्रिपेन शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वायु सेना बालाकोट स्ट्राइक और क्षेत्र में उभरती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर बड़े सौदे को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहा है। 

लाल ने कहा कि अगर लॉकहीड को अनुबंध मिला तो वह टाटा ग्रुप के साथ एफ-21 अत्याधुनिक निर्माण केंद्र की स्थापना करेगी। इससे भारत को देश के रक्षा निर्माण के सर्वांगीण विकास तंत्र को तैयार करने में भी मदद मिलेगी। 

एफ-21 और लॉकहीड के एफ 16 ब्लॉक 70 लड़ाकू विमानों में समानता से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह का दृष्टिकोण अनुचित है क्योंकि दोनों की संरचना (प्लेटफार्म) में अंतर है। उन्होंने कहा कि एफ-21 एयर फ्रेम, युद्धक क्षमता, इंजन मेट्रिक्स, इंजन विकल्पों की उपलब्धता सहित विविध पहलुओं के हिसाब से बिल्कुल अलग है। 

लॉकहीड ने फरवरी में बेंगलुरू में एरो इंडिया शो के दौरान एफ-21 का अनावरण किया था। कंपनी ने कहा कि वह वायु सेना की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करेगी। 

Web Title: F-21 jets will not be sold to any other country if we get IAF contract: Lockheed

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