मध्यप्रदेश: धार में कारम नदी पर बने बांध से पानी निकालने का काम शुरू, खतरे के बीच वापस लौट रहे हैं ग्रामीण

By शिवेंद्र राय | Published: August 14, 2022 11:46 AM2022-08-14T11:46:23+5:302022-08-14T11:48:36+5:30

धार में कारम नदी पर बने बांध में रिसाव मामलें में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार नजर बनाए हुए हैं। बांध से पानी निकालने का काम शुरू हो गया है लेकिन इसी बीच कैंप में शिफ्ट किए गए ग्रामीण वापस अपने गांव लौट रहे हैं जो प्रशासन के लिए चिंता की बात है।

extracting water from dam built on the Karam river in Dhar started villagers returning amidst danger | मध्यप्रदेश: धार में कारम नदी पर बने बांध से पानी निकालने का काम शुरू, खतरे के बीच वापस लौट रहे हैं ग्रामीण

प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है

Highlightsधार में कारम नदी पर बने बांध से पानी निकालने का काम शुरूखतरे के बीच वापस अपने गांव लौट रहे हैं ग्रामीणमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कर रहे हैं निगरानी

भोपाल: मध्यप्रदेश के धार जिले में भारुड़पुरा तहसील में कारम नदी पर बने बांध में रिसाव के कारण खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बांध को टूटने से बचाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन ने आस-पास के 18 गांवों को पूरी तरह खाली करा लिया था लेकिन अब ये ग्रामीण वापस अपने गांव लौट रहे हैं जो प्रशासन के लिए चिंता की बात है। बांध को बचाने की कोशिशें लगातार जारी हैं और इसमें इंजिनियर्स के साथ-साथ सेना और एनडीआरएफ की टीमें भी लगी हुई हैं। हालांकि अभी भी बांध के टूटने का खतरा कम नहीं हुआ है। प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए 18 गावों को खाली कराया था और ग्रामीणों को खतरे वाली जगह से 35 किलोमीटर दूर सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया था। लेकिन बांध को बचाने की लिए  जारी कोशिशों के बीच ही ग्रामीण वापस लौटने लगे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ग्रामीणों से कैंप में रहने की अपील की थी। प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है और किसी भी  स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बीच 304 करोड़ की लागत से चार साल में बने बांध को बचाने के लिए पानी का दबाव कम किया जा रहा है। इस बांध की चौड़ाई 590 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है। बांध से पानी निकालने का काम शुरू हो गया है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस पूरे घटनाक्रम की निगरानी खुद कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की है। सरकार के मंत्री तुलसी सिलावट और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव मौके पर मौजूद हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "आज मैं राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम में अपनी पूरी टीम के साथ बैठा हूं। जिसमें सीएस, डीजीपी और अन्य अधिकारी भी हैं। दोनों मंत्री श्री तुलसी सिलावट और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव कल से ही बांध स्थल पर हैं। कमिश्नर,आईजी, इरीगेशन के इंजीनियर,चीफ इंजीनियर समेत पूरा अमला भी बांध स्थल पर मौजूद है। सुबह से ही हम विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं। प्रोफेसर श्री गोयल जी आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर हैं और इस मामले के विशेषज्ञ माने जाते हैं उनसे भी हमने सलाह ली है। रिटायर्ड चीफ इंजीनियर से भी एडवाइज ली है। सभी का मत है कि जनता की सुरक्षा को देखते हुए ऐसी स्थिति में बांध में पानी का रहना उचित नहीं है। इसलिए हमने फैसला किया है कि बांध को कट करके हम पानी निकालेंगे। बांध खाली करेंगे। कट करने का काम प्रारंभ कर दिया गया है और हमने उसके पूर्व ही सभी 18 गांव पूरी तरह से खाली करवा लिए हैं। गांव में कोई भाई-बहन ना रहें, इसलिए हमारी पूरी टीम भी घूम रही है। कलेक्टर,एसपी, एडीएम,एसडीएम,तहसीलदार,नायब तहसीलदार उनके साथ-साथ हमारे पुलिस के जवान, होमगार्ड के जवान, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम,आर्मी के कॉलम सब फील्ड में तैनात हैं,और सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई गांव में ना रहे। प्रभावित भाइयों-बहनों और बेटे-बेटियों के भोजन की और बाकी सारी व्यवस्था की जा रही है। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि हर जिंदगी सुरक्षित रहे और पानी बाहर निकल जाए। ताकि बाद में निश्चिंत होकर लोग अपने अपने गांव में वापस आ पाएं।"

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