‘बाहरी’ टिप्पणी हिंदी भाषी लोगों पर लक्षित नहीं, वे पश्चिम बंगाल का अभिन्न हिस्सा : विवेक गुप्ता
By भाषा | Updated: April 24, 2021 18:05 IST2021-04-24T18:05:47+5:302021-04-24T18:05:47+5:30

‘बाहरी’ टिप्पणी हिंदी भाषी लोगों पर लक्षित नहीं, वे पश्चिम बंगाल का अभिन्न हिस्सा : विवेक गुप्ता
(प्रदीप्त तापदार)
कोलकाता, 24 अप्रैल पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव के दौरान ‘घरेलू-बाहरी’ की बहस के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के हिंदी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता विवेक गुप्ता ने कहा कि ‘बाहरी’ कटाक्ष हिंदी भाषी निवासियों पर लक्षित नहीं हैं क्योंकि वे राज्य का अभिन्न हिस्सा रहे हैं।
राज्य सभा के पूर्व सदस्य गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि टीएमसी ने “दूसरे राज्य से आने वाले गुंडों” को बाहरी या ‘बोहिरागतो’ के तौर पर इंगित किया है और अपने प्रचार के दौरान उसने कभी राज्य की गैर बंगाली आबादी पर निशाना नहीं साधा।
जोरासाखो सीट से सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि राज्य की समृद्ध संस्कृति और विरासत में “बंगाल में रहने वाली हिंदी भाषी आबादी मिठास घोलती है”।
उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी बंगाल में रहने वाली हिंदी-भाषी आबादी के खिलाफ नहीं है। ‘बाहरी’ शब्द बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने के लिये दूसरे राज्य से आ रहे गुंडों और आपराधिक इतिहास वाले लोगों को लेकर लक्षित है। राज्य की हिंदी भाषी आबादी और बंगाली एक दूसरे के पूरक हैं।”
प्रख्यात हिंदी दैनिक ‘सन्मार्ग’ के संपादक गुप्ता ने भाजपा की उसकी “विभाजक राजनीति” के लिये आलोचना करते हुए धार्मिक आधार पर लोगों में “दूरी पैदा करने” का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “बंगाल अपनी मिठाइयों के लिये जाना जाता है। हिंदी भाषी आबादी यहां दशकों और पीढ़ियों से रहती है तथा इस बंगाली मिठाई में और मिठास घोलते हैं। वे राज्य का हिस्सा हैं और भाजपा ने कभी इस पर सवाल नहीं उठाए।”
उन्होंने कहा, “भाजपा धर्म और भाषा के आधार पर लोगों में दूरी पैदा करने की कोशिश कर रही है। वे हर जगह यही करते हैं। बंगाल में बांटो और राज करो की नीति से कोई फल नहीं मिलेग।”
गुप्ता ने कहा, “ममता बनर्जी अनुभवी राजनेता है, हमने कभी दूसरे राज्यों से बंगाल आ रहे लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा। हमारे लिये, चुनाव के दौरान बंगाल आने वाले राजनीतिक पर्यटक हैं। चुनाव के समय को छोड़कर, प्रधानमंत्री कितनी बार राज्य के लोगों की कुशलता जानने के लिये राज्य के दौरे पर आए? हमारे लिये बोहिरागतो वो लोग हैं जो राज्य में गड़बड़ी पैदा करने के लिये आते हैं।
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