हर बार नयापन होता है महाराष्ट्र के कामठी विधानसभा चुनाव में, बावनकुले लगा चुके हैं जीत की हैट्रिक

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 21, 2019 08:45 AM2019-08-21T08:45:31+5:302019-08-21T08:45:31+5:30

14 विधानसभा चुनाव में से कांग्रेस ने 9 बार, भाजपा ने तीन बार, निर्दलीय ने एक बार तथा कांग्रेस के समर्थन से रिपाइं ने चुनाव जीता. 1952 में बजरंग ठेकेदार (कांग्रेस), 1957 व 1962 में अनंतराम चौधरी (कांग्रेस), 1967 तथा 1972 में सुलेमानखां पठान (कांग्रेस), 1978 में तेजसिंहराव भोसले (कांग्रेस), 1980 में सुरेश देवतले (कांग्रेस), 1985 तथा 1990 में यादवराव भोयर (कांग्रेस), 1995 में देवराव रड़के (निर्दलीय), 1999 में सुलेखा कुंभारे (रिपाइं कांग्रेस गठबंधन), 2004, 2009 तथा 2014 में चंद्रशेखर बावनकुले (भाजपा)ने इस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता.

Every time there is newness in Maharashtra's Kamathi assembly election, Bawankule has hit a hat-trick of victory | हर बार नयापन होता है महाराष्ट्र के कामठी विधानसभा चुनाव में, बावनकुले लगा चुके हैं जीत की हैट्रिक

अप्रैल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 4 लाख 17 हजार से ज्यादा देखी गई थी.

Highlightsविधानसभा क्षेत्र से तीन पूर्व विधायकों को पराजय का सामना करना पड़ा.30 अगस्त को अंतिम मतदाता प्रभाग सूची प्रकाशित होगी.

आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां इस परिसर में गर्माने लगी है. आजादी के बाद 1952 से लेकर अभी तक इस परिसर में हुए विधानसभा के 14 चुनावों में से हर चुनाव में कोई न कोई नयापन देखने को मिला है, कीर्तिमान बना है. 1952 में हुए चुनाव के समय यह विधानसभा क्षेत्र मध्यप्रदेश विधान सभा के तहत शामिल था. जबकि 1957 के चुनाव में यह विधानसभा क्षेत्र तत्कालीन बंबई राज्य के तहत शामिल था.

1962 के चुनाव से यह विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य में है. अभी तक सर्वाधिक चुनाव कांग्रेस ने जीते इस विधानसभा क्षेत्र में अपने परंपरागत वोट तथा मुस्लिम मतदाता ज्यादा होने से काफी वर्षों तक इस क्षेत्र को कांग्रेस अपना गढ़ मानती रही है. इस कारण इस क्षेत्र से बाहरी उम्मीदवारो को भी अनेक बार कांग्रेस ने आजमाया.

अभी तक हुए 14 विधानसभा चुनाव में से कांग्रेस ने 9 बार, भाजपा ने तीन बार, निर्दलीय ने एक बार तथा कांग्रेस के समर्थन से रिपाइं ने चुनाव जीता. 1952 में बजरंग ठेकेदार (कांग्रेस), 1957 व 1962 में अनंतराम चौधरी (कांग्रेस), 1967 तथा 1972 में सुलेमानखां पठान (कांग्रेस), 1978 में तेजसिंहराव भोसले (कांग्रेस), 1980 में सुरेश देवतले (कांग्रेस), 1985 तथा 1990 में यादवराव भोयर (कांग्रेस), 1995 में देवराव रड़के (निर्दलीय), 1999 में सुलेखा कुंभारे (रिपाइं कांग्रेस गठबंधन), 2004, 2009 तथा 2014 में चंद्रशेखर बावनकुले (भाजपा)ने इस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता.

जीत के अंतर का कीर्तिमान 1990 के चुनाव में दोबारा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के विधायक यादवराव भोयर (कांग्रेस) ने देवराव रड़के (निर्दलीय) को इस विधानसभा क्षेत्र के चुनावी इतिहास में सबसे कम वोटों (लगभग 500) के अंतर से हराया. वहीं 2014 में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर 40 हजार 2 वोटों से चंद्रशेखर बावनकुले ने चुनाव जीता.

साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में अब तक सर्वाधिक वोट (126755 वोट) प्राप्त करने का भी कीर्तिमान बनाया. एक ही महिला विधायक बनी यहां से इस विधानसभा क्षेत्र से सिर्फ एक ही महिला को विधायक व राज्यमंत्री बनने का गौरव एड. सुलेखा कुंभारे के रूप में प्राप्त हुआ. वैसे इस विधानसभा क्षेत्र से पांडिचेरी की पूर्व राज्यपाल रजनी राय को 1978 में हार का सामना करना पड़ा था.

इस विधानसभा क्षेत्र से तीन पूर्व विधायकों को पराजय का सामना करना पड़ा. एक और कीर्तिमान बनेगा आगामी चुनाव में आगामी विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा के इतिहास में सर्वाधिक, चार लाख से अधिक वोटों का समावेश होने की संभावना है. अप्रैल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 4 लाख 17 हजार से ज्यादा देखी गई थी.

बावनकुले का कीर्तिमान इस विधानसभा क्षेत्र से सर्वाधिक लगातार तीन बार चुनाव चंद्रशेखर बावनकुले ने जीता. दो-दो बार अनंतराम चौधरी, सुलेमान खां पठान व यादवराव भोयर (सभी कांग्रेस उम्मीदवार) ने जीता. सालेभट्टी तक बस चलाने की मांग उमरेड उमरेड से मांगरु ल-उखड़ी जाने वाली बस को उखड़ी से तीन किलोमीटर दूर सालेभट्टी गांव तक चलाने की मांग एबीवीपी की उमरेड शाखा ने की है.

सहसंयोजक शांतनु तलेकर के अनुसार शाम साढ़े पांच बजे उमरेड से छूटनेवाली बस उखड़ी तक जाती है. यहां से तीन किलोमीटर दूर सालेभट्टी से 25 विद्यार्थी पढ़ने के लिए उमरेड आते हैं. वापसी में तीन किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है. रास्ता जंगली होने के कारण जानवरों का खतरा बना रहता है. बस सालेभट्टी तक चलाने की मांग का ज्ञापन डिपो मैनेजर संजय डफरे को सौंपते समय निखिल सवाई, शंकर ढगे, रोहित तलेकर, विनोद वांडरे आदि उपस्थित थे. फोटो ज्ञापन सौंपते कार्यकर्ता बोटेझरी परिसर के नागरिक समस्या से ग्रस्त उमरेड लोससेवा उमरेड उपविभाग की भिवापुर तहसील के बोटेझरी परिसर के नागरिक विभिन्न समस्याओं से पीडि़त है.

इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए उमरेड एसडीओ को ज्ञापन सौंप कर अविलंब समस्या दूर करने की मांग की है. इस परिसर के मांगरु ढ़ से पाहमी चिचाड़ा मार्ग दयनीय अवस्था में है. बोटेझरी एड्संबा मार्ग की पुलिया की ऊंचाई बढ़ाना आवश्यक है. परिसर के जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. इनसे बचने के लिए तार का घेरा लगाने की मांग प्रशांत मेश्राम, अनिल नगरकर, बंदु कोल्हे, राजू मेश्राम, भीमराव रामटेके, ज्योतिराव पडोले, हर्षानंद भगत एवं अन्य नागरिकों ने की है.

फोटो बोटेझरी परिसर का दयनीय मार्ग उपचुनाव के लिए प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित भिवापुर राज्य चुनाव आयोग ने वर्ष 2019 में नवनिर्मित 2 नगर पंचायतों के अध्यक्ष व सदस्यों के साथ ही 10 जिलों के नगर परिषदों / नगर पंचायतों में रिक्त हुए पदों के उपचुनाव कराने के लिए मतदाता सूची अपडेट कराने कहा है. आयोग द्वारा 1 अगस्त को जारी आदेश से शीघ्र ही चुनाव निबटाए जाने के संकेत मिले हैं.

इस आदेश के तहत स्थानीय 17 सदस्यीय न. पं. में दो माह पूर्व रिक्त हुए प्रभाग 4 के एक पद का चुनाव लिया जाएगा. गौरतलब है कि भिवापुर न. पं. को स्थापित हुए मात्र चार साल ही बीते हैं. पहला पंचवर्षीय कार्यकाल पूरा होने से पूर्व ही 17 सदस्यीय कार्यकारिणी के प्रभाग 4 से निर्वाचित बालाजी शंकर देवाड़कर ने 21 जून 2019 को कुछ निजी कारणो से अपनी सदस्यता व निर्माणकार्य सभापति पद से इस्तीफा दे दिया था. वर्तमान में न. पं. में कांग्रेस के साथ बसपा सत्ता में है. देवाड़कर कांग्रेस के सदस्य थे. आयोग ने 1 जुलाई की विधानसभा मतदाता सूची व प्रभाग मतदान केंद्रों में विभाजित कर प्रारूप सूची 20 अगस्त को प्रकाशित कराकर 27 अगस्त तक उस पर आपत्तियां एवं सूचना मांगी है.

30 अगस्त को अंतिम मतदाता प्रभाग सूची प्रकाशित होगी. साथ ही 31 अगस्त को मतदान केंद्र निहाय मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. वर्तमान में, प्रभाग 4 में 282 पुरु ष व 305 महिला मतदाता मिलाकर कुल 587 मतदाताओं की सूची न. पं. कार्यालय में प्रकाशित की गई है. एक महीने के बालक की हत्या आरोपी गिरफ्तार, बखारी में हुई वारदात खापरखेड़ा। पत्नी के मायके जाने और साढ़ू द्वारा पत्नी से मोबाइल पर बात न कराने से गुस्साए पति ने ससुराल जाकर साढ़ू के एक माह के बालक की चाकू से वार कर हत्या कर दी. यह सनसीखेज घटना पारशिवनी थाने के तहत बखारी (तह. पारशिवनी) में सोमवार की दोपहर करीब 1.30 बजे हुई.

आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गणेश गोविंदराव बोरकर (41, कुही) गिरफ्तार आरोपी का नाम है. उसकी साली रुपाली जितेंद्र पांडे (24, भामेवाड़ा, तह. कुही) ने 17 जुलाई को बच्चे को जन्म दिया था. प्रसूति के लिए वह बखारी अपने मायके में थी. इसी दौरान गणेश और उसकी पत्नी प्रतिभा के बीच विवाद होने से पिछले एक माह से वह भी मायके में थी. उसका साढ़ू जितेंद्र पत्नी की देखभाल के लिए बखारी अपनी ससुराल में था. इस दौरान गणेश प्रतिभा से बात करना चाहता था. उसने जितेंद्र के मोबाइल पर संपर्क किया लेकिन जितेंद्र ने उसे सकारात्मक प्रतिसाद नहीं दिया. इससे वह गुस्से में था. सोमवार की दोपहर वह बखारी आया.

उस समय रुपाली अकेली घर पर थी. परिवार के सब लोग काम के लिए खेत में गए थे. गणेश ने रुपाली से रुमाल धोकर देने का अनुरोध किया. नवप्रसूता होने के कारण उसने रुमाल धोने से इनकार कर दिया और पड़ोसी महिला को रुमाल धोने के लिए देने चली गई. रुपाली के बाहर जाते ही गणेश उसके कमरे में घुसा और बच्चे के पेट पर चाकू से वार कर दिए. रुपाली जब घर लौटी तो उसके हाथ से रुमाल छीनकर गणेश भाग गया.

खून से सने बच्चे और उसकी बाहर आई अतडि़यां देखकर रुपाली घबरा गई और रोते हुए घायल बच्चे को लेकर बाहर आई. पड़ोसियों ने उसकी मां इंदिरा, पिता खुशाल, बहन प्रतिभा को बुलाया. सबने घायल बच्चे को कन्हान के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. वहां प्रथमोपचार कर नागपुर के मेयो अस्पताल भेजा. वहां शाम को बच्चे ने दम तोड़ दिया. पारशिवनी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

जांच थानेदार विलास काले कर रहे हैं. साढ़ू था निशाने पर पति गणेश के साथ विवाद होने से प्रतिभा मायके में रह रही थी. वह ससुराल जाना नहीं चाहती थी. लेकिन गणेश को लगता था मायकेवाले उसे नहीं भेज रहे थे. साथ ही जब उसने प्रतिभा से बात कराने जितेंद्र से कहा तो उसने भी सहयोग करने से मना कर दिया. इसके चलते वह जितेंद्र की हत्या करने की सोचने लगा.

इसी लिए गणेश बखारी आया लेकिन तब जितेंद्र घर पर नहीं था. उसके नजर न आने पर गणेश ने अपना गुस्सा जितेंद्र के बच्चे पर उतारा. छह दिन की पुलिस कस्टडी आरोपी गणेश को पारशिवनी पुलिस ने सोमवार की रात कुही के बाजार चौक से गिरफ्तार किया. उसने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया. उसे मंगलवार की दोपहर पारशिवनी के न्यायालय लाया गया. न्यायालय ने उसे छह दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया. इस दौरान पुलिस हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू और बच्चे को मारने के कारण का पता लगाने की कोशिश करेगी. गणेश ट्रकचालक है तथा उसे तीन बेटियां हैं.

Web Title: Every time there is newness in Maharashtra's Kamathi assembly election, Bawankule has hit a hat-trick of victory

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे