हर राज्य को नागरिकता कानून लागू करना होगा, यह संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के तहत बनाया गया हैः केंद्र

By भाषा | Published: December 13, 2019 07:13 PM2019-12-13T19:13:19+5:302019-12-13T19:13:19+5:30

यह बयान तब आया है जब पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की कि यह कानून ‘असंवैधानिक’ है और उनके संबंधित राज्यों में इसके लिए कोई जगह नहीं है। गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्यों को ऐसे किसी भी केंद्रीय कानून को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है जो संघ सूची में है।’’

Every state has to implement the citizenship law, it has been made under the Union list of the seventh schedule of the constitution: Center | हर राज्य को नागरिकता कानून लागू करना होगा, यह संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के तहत बनाया गया हैः केंद्र

राज्य सरकारों को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है।

Highlightsकुल 97 ऐसे विषय हैं जो सातवीं अनुसूची की संघ सूची में है।उनके तहत रक्षा, विदेश, रेलवे , नागरिकता, जन्म से संबंधित अधिकार आदि आते हैं।

केंद्र के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकारों को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह कानून संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के तहत बनाया गया है।

यह बयान तब आया है जब पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की कि यह कानून ‘असंवैधानिक’ है और उनके संबंधित राज्यों में इसके लिए कोई जगह नहीं है। गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्यों को ऐसे किसी भी केंद्रीय कानून को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है जो संघ सूची में है।’’

कुल 97 ऐसे विषय हैं जो सातवीं अनुसूची की संघ सूची में है और उनके तहत रक्षा, विदेश, रेलवे , नागरिकता, जन्म से संबंधित अधिकार आदि आते हैं। बृहस्पतिवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि ‘किसी असंवैधानिक कानून का उनके राज्य में कोई स्थान नहीं है।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, ‘‘अपने घोषणापत्र में आपने (भाजपा ने) विकास के बजाय, देश को बांटने का वादा किया है। नागरिकता धर्म के आधार पर क्यों होगी। मैं इसे नहीं स्वीकार करूंगी, आपको चुनौती देती हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपने लोकसभा और राज्यसभा से जबरन कानून पारित करवाये क्योंकि आपके पास संख्या बल है। लेकिन हम आपको देश को नहीं बांटने देंगे।’’ नागरिकता कानून को देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा प्रहार करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं होने देगी।

हालांकि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और मध्यमप्रदेश के मुख्यमंत्रियों क्रमश: भूपेश बघेल और कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस पर जो भी रुख अपनाएगी, उनके राज्य उसे मानेंगे। 

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