हर नागरिक के साथ मर्यादापूर्ण व्यवहार करना चाहिए, चाहे वह धनी हो या गरीब: उच्च न्यायालय

By भाषा | Published: August 20, 2019 04:32 PM2019-08-20T16:32:07+5:302019-08-20T16:32:07+5:30

मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने बाइबिल की कहानी नोह और आर्क का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब बाढ़ आया तो नोह ने एक भी जानवर को नहीं छोड़ा और उन सबको नाव में ले गया।’’

Every citizen should be treated fairly, whether rich or poor: High Court | हर नागरिक के साथ मर्यादापूर्ण व्यवहार करना चाहिए, चाहे वह धनी हो या गरीब: उच्च न्यायालय

लोगों को चेम्बुर के पास माहुल में वैकल्पिक आवास मुहैया कराने का निर्णय किया।

Highlightsपीठ बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ध्वस्तीकरण अभियान से प्रभावित कुछ नागरिकों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि नगर निकाय वैकल्पिक आवास के लिए उन्हें किराया देने से मना कर रहा है।

बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि राज्य को हर नागरिक के साथ मर्यादापूर्ण व्यवहार करना चाहिए, चाहे वह धनी हो या गरीब।

साथ ही उच्च न्यायालय ने 15 हजार परिवारों को रसायन प्रदूषित क्षेत्र मुंबई के माहुल इलाके में रहने के लिए बाध्य करने को लेकर फटकार भी लगाई। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने बाइबिल की कहानी नोह और आर्क का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब बाढ़ आया तो नोह ने एक भी जानवर को नहीं छोड़ा और उन सबको नाव में ले गया।’’

इसने कहा, ‘‘इसी तरह आपको अपने हर नागरिक का ध्यान रखना चाहिए, चाहे वह धनी हो या गरीब।’’ पीठ बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ध्वस्तीकरण अभियान से प्रभावित कुछ नागरिकों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि नगर निकाय वैकल्पिक आवास के लिए उन्हें किराया देने से मना कर रहा है।

बीएमसी ने पिछले वर्ष तान्सा जल पाइपलाइन के पास सभी अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को ढहा दिया था जिससे करीब 15 हजार परिवार या करीब 60 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। इसने लोगों को चेम्बुर के पास माहुल में वैकल्पिक आवास मुहैया कराने का निर्णय किया।

बहरहाल, माहुल इलाका तीन रिफाइनरी और एक रसायन फैक्टरी से घिरा हुआ है जिसे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने 2015 में और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बंबई ने इस वर्ष मानव आवास के लिए योग्य नहीं ठहराया है। इन लोगों ने माहुल जाने से मना कर दिया और इसके बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया। 

Web Title: Every citizen should be treated fairly, whether rich or poor: High Court

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