कोरोना महामारी के दौर में भी स्वास्थ्य विकास क्षेत्र के साझा कोषों में 3700 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश
By भाषा | Published: May 17, 2020 02:21 PM2020-05-17T14:21:25+5:302020-05-17T14:27:15+5:30
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की पहली तिमाही में ऐसे भारतीय कोषों में रिकॉर्ड 50.7 करोड़ डॉलर का निवेश आया।
नयी दिल्ली: कोरोना वायरस संकट की वजह से बाजार में जबर्दस्त बिकवाली देखने को मिल रही है। इन सबके बीच सस्टेनेबल (पर्यावरण/अक्षय ऊर्जा) जैसे स्वास्थ्य विकास के क्षेत्रों निवेश करने वाले कोष अब भी आकर्षक बने हुए हैं। जनवरी-मार्च की तिमाही में इन कोषों में 50 करोड़ डॉलर यानी 3,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आया। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। सस्टेनेबल कोष पर्यावरण, सामाजिक और कामकाज के संचालन मानदंड के हिसाब से निवेश करते हैं।
इन्हें ईएसजी कोष भी कहा जाता है। मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट के अनुसार समीक्षाधीन तिमाही के दौरान एशिया में (जापान को छोड़कर) इन कोषों में 90 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश आया। इस तरह के कोष अक्षय ऊर्जा, कम कॉर्बन उत्सर्जन, हरित परिवहन और पर्यावरण संरक्षण के हिसाब से निवेश करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की पहली तिमाही में ऐसे भारतीय कोषों में रिकॉर्ड 50.7 करोड़ डॉलर का निवेश आया।
इसमें सबसे अधिक हिस्सा एक्सिस ईएसजी का रहा, जिसे 23.9 करोड़ डॉलर का निवेश मिला। एक्सिस एमएफ के अलावा क्वान्टम एमएफ और एबसीआई एमएफ के भी ईएसजी कोष हें। मार्च तिमाही के अंत तक एसबीआई मैग्नम इक्विटी ईएसजी के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 2,039 करोड़ रुपये और क्वान्टम इंडिया ईएसजी इक्वटी का एयूएम करीब 12 करोड़ रुपये था।
इसके अलावा बता दें कि निवेश को बढ़ाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज पर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई अहम और बड़े सेक्टरों के लिए घोषणाएं कीं। आज जिन सेक्टरों के बारे में ऐलान किए गए उनमें मिनरल सेक्टर भी शामिल है। सरकार ने मिनरल सेक्टर में प्राइवेट निवेश का रास्ता खोलने का फैसला लिया है।
मिनरल सेक्टर या खनिज क्षेत्र में प्राइवेट को निवेश बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा इस क्षेत्र के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाने का भी ऐलान किया गया है। मिनरल सेक्टर में संरचनात्मक सुधारों के जरिए ग्रोथ में तेजी, रोजगार और एक्सप्लोरेशन में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार खनिज क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए एक सहज समग्र अन्वेषण-सह-खनन-सह-उत्पादन (composite exploration-cum-mining-cum-production) योजना शुरू करेगी।