आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर हमला, संबित पात्रा बोले-भारत के इतिहास का काला अध्याय
By एस पी सिन्हा | Published: June 26, 2022 06:04 PM2022-06-26T18:04:45+5:302022-06-26T18:06:01+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात की में वर्ष 1975 में देश पर इंदिरा सरकार द्वारा लागू किए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए इसे भारत के इतिहास का काला अध्याय बताया.
पटनाः भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने आज यहां कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि आज उस जगह पर आया हूं, जो आपातकाल के खिलाफ आंदोलन के शंखनाद की भूमि रही है और मुझे आज ही के दिन बिहार आने का मौका मिला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात की में वर्ष 1975 में देश पर इंदिरा सरकार द्वारा लागू किए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए इसे भारत के इतिहास का काला अध्याय बताया. आपातकाल के दौरान देश के आम लोगों को अनेकों यातनाएं झेलनी पड़ी. बिहार से ही आपातकाल के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ तथा तत्कालीन कांग्रेस की सरकार को जाना पड़ा था.
मन की बात को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सुना गया. ‘मन की बात’ कार्यक्रम के बाद संबित पात्रा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज मुख्य रूप से आपातकाल के बारे में लोगों को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि में आपातकाल के दौरान लोगों को किस प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
बिहार की भूमि के वीरों ने ही इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाया था. बिहार हमेशा से अन्याय खिलाफ आवाज उठाती रही है. पात्रा ने कहा कि बिहर की मिटटी को नमन करता हूं क्योंकि आपातकाल के विरुद्ध बिहार की मिटटी ने युद्ध शुरू किया था. यह पावन मिट्टी है. मैं धन्य मानता हूं कि आज यहां आया हूं. जहां से लोकतंत्र का दोबारा शंखनाद हुआ.
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने भी 1975 में हमारे माता-पिता ने जो आपातकाल देखा है उसका उन्होंने जिक्र किया. किस प्रकार से हम सबों के माता-पिता ने आपातकाल के संघर्ष के बाद लोकतंत्र को फिर से स्थापित किया. उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति का नारा देकर सत्तामद में चूर सरकार को उखाड फेकने का शंखनाद किया था.
देश के छात्र नौजवानों ने भ्रष्ट एवं निरकुश सरकार को सत्ता की कुर्सी से उखाड़ फेंका. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मन की बात में खासकर देश के पुराने धरोहरों को बचाने तथा कुआं तालाब एवं नदियों के संरक्षण की बात की. जल संचय करने पर जोर देते हुए कहा कि नदियों, समुद्र की साफ-सफाई आवश्यक है. उन्होंने इस कार्य में लगे हुए देश के लोगों से आमलोगों को प्रेरणा लेते हुए अपने आस-पास के ऐसे लोगों के बारे में जानकारी देने को कहा.