चालान पर चुनावी हंगामाः भाजपा शासित राज्यों ने कहा-चुनाव है मंत्री को जुर्माना पर सोचना चाहिए, जनता पर अधिक बोझ
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 14, 2019 04:51 PM2019-09-14T16:51:24+5:302019-09-14T16:51:24+5:30
मोटर वाहन कानून (2019) लागू हुआ है। उसके बाद से भारी जुर्माना लगाने से संबंधित कई खबरें आई हैं। गुरुग्राम में एक दोपहिया चालक पर 23,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं एक ट्रक चालक को 59,000 रुपये का चालान थमाया गया है। दिल्ली में ट्रक पर 2 लाख का जुर्माना लगा दिया गया।
संशोधित मोटर वाहन अधिनियम को लेकर हंगामा जारी है। जिस राज्य में चुनाव है वहां तो हंगामा बरप रहा है। महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव है।
इन राज्यों के मुख्यमंत्री ने इसे लागू करने से हिचक रहे हैं। इसके साथ ही गुजरात, उत्तर प्रदेश, वेस्ट बंगाल, पंजाब सहित कई राज्य अपने यहां लागू नहीं कर रहे हैं। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री ने कहा इस पर हम अभी सोच रहे हैं। गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने इस जुर्माने को आधा कर दिया है।
इस मामले को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य सरकार चाहे तो चालान पर जुर्माना कम कर सकती है। गडकरी लगातार कह रहे हैं कि चालान पर भारी जुर्माना का मतलब राजस्व कमाना नहीं बलि्क सड़कों पर अनुशासन कायम कर सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है।
मोटर वाहन कानून (2019) लागू हुआ है। उसके बाद से भारी जुर्माना लगाने से संबंधित कई खबरें आई हैं। गुरुग्राम में एक दोपहिया चालक पर 23,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं एक ट्रक चालक को 59,000 रुपये का चालान थमाया गया है। दिल्ली में ट्रक पर 2 लाख का जुर्माना लगा दिया गया।
गडकरी ने भाजपा शासित राज्य गुजरात द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़ाए गए जुर्माने में भारी कटौती करने को ज्यादा तूल नहीं देते हुए कहा कि यह मामला समवर्ती सूची का है और इसमें राज्य अपने फैसले लेने को स्वतंत्र हैं। गुजरात में यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना राशि को 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक कम किया गया है। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल पहले ही इस कानून को लागू करने से इनकार कर चुके हैं।
गडकरी ने कहा कि जुर्माना राशि बढ़ाने का मकसद जुर्माने से धन जुटाना कतई नहीं है। मोटर वाहन कानून में संशोधन के जरिये यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माने में भारी बढ़ोतरी की गई है। देश के विभिन्न हिस्सों से खबरें आ रही हैं कि यातायात पुलिस ने उल्लंघनों के लिए बढ़े हुए जुर्माने को वसूलना शुरू कर दिया है।
गडकरी ने कहा कि लोगों में नये कानून को लेकर कुछ गलत धारणायें हैं। ‘‘यदि वे कानून का पालन करेंगे तो उन पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। कानून जुर्माना वसूलने के लिए नहीं लागू किया गया है। इसका मकसद यह है कि लोग यातायात नियमों को गंभीरता से लें और उनका उल्लंघन करने से बचें।’’ उन्होंने शराब पीकर तिपहिया चलाने वाले एक चालक का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?’’
संसद ने जुलाई में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया है। सरकार ने एक सितंबर से मोटर वाहन संशोधन कानून, 2019 के 63 प्रावधानों को अधिसूचित किया है। ये 63 प्रावधान जुर्माने, लाइसेंस, पंजीकरण और राष्ट्रीय परिवहन नीति से संबंधित हैं। नए कानून के तहत बिना लाइसेंस के अनधिकृत तरीके से वाहन चलाने पर जुर्माना 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है।
वहीं, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर अब 500 रुपये के बजाय 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। संशोधित कानून के तहत शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना राशि 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई है जबकि खतरनाक तरीके से वाहन चलाने के लिए जुर्माना 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये किया गया है।
चालान के कारण सुधर रही हे दिल्ली की सड़क यातायात व्यवस्था: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संशोधित मोटर वाहन कानून के तहत बढ़े जुर्माने से शहर में सड़क यातायात व्यवस्था में ‘‘सुधार’’ हुआ है लेकिन दिल्ली सरकार लोगों को ‘‘तकलीफ’’ देने वाले भारी जुर्माने को कम कर सकती है।
केजरीवाल ने दिल्ली में ‘‘अनुशासहीन’’ यातायात की ओर इशारा करते हुए कहा कि सड़क हादसों के कारण होने वाली मौत की घटनाएं रोके जाने की आवश्यकता है। देशभर में एक सितंबर से लागू हुए मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत सड़क यातायात का उल्लंघन करने पर जुर्माना राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को कहा था कि दिल्ली सरकार संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों पर लगाए जा रहे भारी-भरकम जुर्माने से राहत देना चाहती है और इस बारे में विचार कर निर्णय किया जाएगा।
उन्होंने कहा था कि सरकार विभिन्न पक्षों से प्रतिक्रिया ले रही है और इस बात पर गौर कर रही है कि दूसरे राज्य इसे किस तरह लागू कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि जुर्माने की नई व्यवस्था से यातायात में सुधार हुआ है और इससे यातायात नियमों का क्रियान्वयन आसान हुआ है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सड़क यातायात अब काफी अनुशासित है। सभी यह स्वीकार करते हैं कि इसे लागू किए जाने से दिल्ली के यातायात में काफी सुधार हुआ है।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘हम इस पर नजर रख रहे हैं और यदि ऐसा कोई जुर्माना है जिससे लोगों को तकलीफ हो रही है और जिसे हम कम कर सकते हैं, तो हम जरूर ऐसा करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार संवेदनशील है और वह यह नहीं चाहती कि लोगों को किसी प्रकार की समस्या हो।
केजरीवाल ने कहा कि संशोधित मोटर वाहन कानून के क्रियान्वयन के बाद प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) के लिए भीड़ बढ़ी है क्योंकि लोगों को पकड़े जाने और जुर्माना लगने का डर है। संसद ने जुलाई में मोटर वाहन (संशोधन) कानून, 2019 पारित किया था जिसके तहत यातायात के विभिन्न नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है।